कोलकाता/हल्दिया.
नंदीग्राम में एसआइआर प्रक्रिया के तहत फॉर्म वितरण को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. एक वीडियो (जिसकी सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर ने नहीं की है) सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोप लगे हैं कि नंदीग्राम ब्लॉक-एक की शमशाबाद ग्राम पंचायत क्षेत्र में नियुक्त बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) स्वयं फॉर्म नहीं बांट रही थीं, बल्कि उनकी जगह उनका रिश्तेदार यह काम कर रहा था. जानकारी के अनुसार, शमशाबाद ग्राम पंचायत के 203 नंबर बूथ से संबंधित एसआइआर फॉर्म वितरण का यह वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो में दिखायी दे रहा है कि स्थानीय आंगनबाड़ी (आइसीडीएस) कर्मी और बीएलओ संचिता प्रमाणिक की जगह उनके रिश्तेदार व उस क्षेत्र के पूर्व उपप्रधान समर प्रमाणिक फॉर्म बांट रहे हैं. वीडियो सामने आते ही नंदीग्राम में राजनीतिक हलचल मच गयी. भाजपा ने आरोप लगाया कि संचिता प्रमाणिक ने शुरुआत से ही कोई काम नहीं किया. फॉर्म वितरण का पूरा काम उनके रिश्तेदार समर प्रमाणिक ने किया. भाजपा का यह भी कहना है कि उनके नियुक्त बीएलओ-दो को वहां से भगा दिया गया. इस संबंध में नंदीग्राम-एक के बीडीओ को शिकायत दी गयी है. स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता व ग्राम पंचायत के वर्तमान प्रधान शेख मन्नान ने भी घटना की पुष्टि की है. उन्होंने कहा : मामला आयोग के संज्ञान में लाया जायेगा. यह पूरी तरह से प्रशासनिक विषय है.गौरतलब है कि कुछ बीएलओ पर पहले से ही कई तरह के आरोप लग रहे हैं. कहीं वह चाय की दुकान या तृणमूल नेता के घर में बैठकर फॉर्म बांटते देखे गये हैं, तो कहीं खुले मैदान में. अब आरोप बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) पर भी लग रहे हैं. बताया जा रहा है कि कुछ बीएलए मृत मतदाताओं के नाम पर भी एन्यूमरेशन फॉर्म भरवा रहे थे. सूत्रों के अनुसार, इस तरह के आठ नाम चिह्नित किये गये हैं और उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है.
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