कोलकाता. साॅल्टलेक ईसी ब्लॉक रेजिडेंशियल एसोसिएशन पूजा कमेटी (सिटी सेंटर के पास) ने इस बार ‘नीर’ (जल) को थीम बनाया है, जिसके जरिये पानी के संरक्षण का संदेश दिया जायेगा. यह पूजा कमेटी का 49वां वर्ष है. इस साल की थीम में जल के महत्व को समझाने के लिए मिट्टी के घड़ों से मंडप को विशेष रूप से सजाया गया है. पूजा कमेटी के सचिव मौली नाथ मांझी ने बताया कि नीर का अर्थ है पानी. पहले लोग मिट्टी के घड़े का पानी पीते थे. पहले यहां पानी जमा करके ठंडा रखा जाता था, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक था. अब, पानी को फ्रिज में रखकर कृत्रिम रूप से ठंडा किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है. पहले लोग घरों में शुद्ध हवा से ही काम चला लेते थे. अब एसी है. लगभग 60 साल पहले, हम विभिन्न प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करके घर या पानी को ठंडा रखते थे. हमारी पुरानी आदतों में से एक और अच्छी आदत थी, घर के चारों ओर पानी की नाली बनाकर घर को ठंडा रखना. यह तरीका कोलकाता के कई पुराने घरों में भी अपनाया जाता था.
अब, कबूतरखाने जैसे फ्लैटों में ऐसा करना संभव नहीं है. वह अच्छी आदत अब लुप्त हो गयी है. इस प्राकृतिक तरीके को जीवन में अपनाने और नीर के संरक्षण के प्रति लोगों को सचेत करने की थीम के साथ पंडाल कलाकार प्रबीर साहा ने तैयार किया है. इन सामग्री से एक पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल लेकिन बेहद रचनात्मक मंडप बनाया जा रहा है, जिससे लोग पानी के महत्व को समझें और उसका सदुपयोग करें. लोग पुराने दिनों की उन अच्छी आदतों को एक बार फिर याद करें और उन सभी कोशिशों से जुड़ें, जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छी हैं. इस मंडप को मिट्टी के बर्तन और कलात्मक चीजों से सजाया गया है. मां दुर्गा का दर्शन करने आने वाले लोगों के लिए यहां प्राकृतिक ठंड का परिवेश तैयार किया गया है.
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