एनसीडब्ल्यू सदस्य ने शरतचंद्र चट्टोपाध्याय मेडिकल कॉलेज में पीड़िता से की मुलाकात
संवाददाता, हावड़ा.
उलबेड़िया के शरतचंद्र चट्टोपाध्याय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक महिला डॉक्टर के साथ मारपीट, दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. सोमवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य डॉ अर्चना मजूमदार अस्पताल पहुंचीं और पीड़ित महिला डॉक्टर से मुलाकात की. उन्होंने इस दौरान पुलिस अधिकारियों, अस्पताल के वाइस प्रिंसिपल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले की जानकारी ली. बैठक के बाद डॉ मजूमदार ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.
मैंने भी पश्चिम बंगाल में मेडिकल प्रैक्टिस की है और यह देखना दुखद है कि राज्य के अस्पतालों में महिला डॉक्टर लगातार अपराधों का शिकार हो रही हैं.” उन्होंने कहा कि आरजी कर अस्पताल की घटना को लोग अभी भूले नहीं थे कि यहां एक और गंभीर मामला सामने आ गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार प्रभावशाली लोग अस्पतालों में आकर डॉक्टरों को धमकाते हैं और कानून की खामियों का फायदा उठाकर सजा से बच निकलते हैं. डॉ मजूमदार ने हालांकि पुलिस की सक्रियता की सराहना की और कहा, “आमतौर पर जांच में देर होती है, लेकिन इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. चार्जशीट भी तैयार कर ली गयी है.” अस्पताल से निकलने के बाद डॉ मजूमदार एसएसकेएम अस्पताल भी गयीं, जहां उन्होंने उस नाबालिग लड़की से मुलाकात की, जिसका 22 अक्तूबर को अस्पताल के एक पूर्व कर्मचारी ने कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया था.
गौरतलब रहे कि 20 अक्तूबर को शरतचंद्र चट्टोपाध्याय मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर लिजा कोले के साथ यह घटना हुई थी. पुलिस ने अब तक अस्थायी होमगार्ड शेख बाबूलाल, शेख हसीबुल और शेख सम्राट को गिरफ्तार किया है. इस घटना के विरोध में डॉक्टरों ने पांच घंटे तक काम बंद रखकर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की थी.
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