परीक्षा देकर लौटे कई अभ्यर्थियों को फिर से सता रहा भ्रष्टाचार का डर कोलकाता. स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की नौंवी और 10वीं कक्षा की नयी नियुक्ति परीक्षा रविवार को बिना किसी बाधा के संपन्न हो गयी. सुप्रीम कोर्ट ने दागी शिक्षकों को परीक्षा में नहीं बैठने का निर्देश दिया था. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उम्मीदवारों में कोई दागी था या नहीं. अगर ऐसा है, तो अधिवक्ता व माकपा नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि स्कूल सेवा आयोग ने दागियों को लेकर जो सूची दी है, वह अधूरी है. अगर इस बार नियुक्ति परीक्षा में यदि किसी दागी ने परीक्षा ने दी है, तो यह परीक्षा भी रद्द हो जायेगी. स्कूल सेवा आयोग को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. परीक्षा देकर लौटे कई उम्मीदवारों में अभी भी एक अनिश्चितता बनी हुई है. वे अभी भी इस बात पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं कि इस परीक्षा में कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा. विकास रंजन भट्टाचार्य से इस बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि यह स्पष्ट रूप से कहना संभव नहीं है कि धोखाधड़ी किस स्तर पर या कहां होगी. स्कूल सेवा आयोग पर भरोसा नहीं कर सकते, क्योंकि उनके पास पुराना अनुभव है. जिस तरह से स्कूल सेवा आयोग ने पहले भी भ्रष्टाचार किया है, अभी भी भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की कोशिश कर सकते हैं. मुख्यमंत्री अभी भी अयोग्यों की वकालत कर रही हैं. अभ्यर्थियों का डर वाजिब है. प्रदर्शनकारी बेरोजगार शिक्षक सुमन विश्वास, चिन्मय मंडल, महबूब मंडल ने भी परीक्षा दी. उनका कहना था कि परीक्षा तो दी, लेकिन यह परीक्षा देना उनके लिए बहुत कष्टदायक था.
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