कोलकाता.
अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. वाममोर्चा फिलहाल अन्य दलों के साथ गठबंधन को लेकर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा था, लेकिन मंगलवार की रात इस दिशा में एक अहम बैठक हुई. आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दिकी और पार्टी नेता शम्सुर अली मलिक ने मंगलवार देर रात अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित माकपा मुख्यालय में वाममोर्चा चेयरमैन विमान बसु से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, बैठक में आगामी चुनाव में संभावित गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर प्रारंभिक चर्चा हुई. बातचीत करीब एक घंटे तक चली. सूत्र बताते हैं कि नौशाद सिद्दिकी ने इससे पहले भी वाममोर्चा चेयरमैन को गठबंधन पर चर्चा के लिए कई पत्र लिखे थे. अंततः मंगलवार की बैठक में दोनों पक्षों के बीच संवाद की औपचारिक शुरुआत हुई. पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा, कांग्रेस और आइएसएफ ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन गठबंधन को केवल एक सीट पर जीत मिली थी. उस समय नौशाद सिद्दिकी ने भांगड़ से आइएसएफ उम्मीदवार के रूप में विजय हासिल की थी, जबकि वाममोर्चा और कांग्रेस का खाता नहीं खुला था. राजनीतिक हलकों का मानना है कि यदि आगामी चुनाव में फिर से वाम-आइएसएफ गठबंधन बनता है, तो सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी. किन सीटों पर किसकी ताकत ज्यादा है, इसका आकलन भी जारी है. कांग्रेस ने अब तक इस संभावित गठबंधन पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. वहीं, नौशाद सिद्दिकी का दावा है कि बीते कुछ वर्षों में उनकी पार्टी की संगठनात्मक ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. उनके अनुसार, मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, हावड़ा तथा कोलकाता के कुछ हिस्सों में आइएसएफ ने बूथ स्तर तक संगठन खड़ा कर लिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

