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असम की तुलना में राज्य के चाय श्रमिकों की स्थिति बेहतर

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में श्रम मंत्री ने उक्त बातें कहीं

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में श्रम मंत्री ने उक्त बातें कहीं कोलकाता. राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि असम के चाय बागानों के श्रमिकों की तुलना में राज्य के चाय श्रमिक बेहतर स्थिति में हैं. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में श्रम मंत्री ने उक्त बातें कहीं. उन्होंने बताया कि राज्य पंजीकृत चाय बागानों की संख्या 289 है. इनमें से 21 में ठीक तरह से उत्पादन नहीं हो रहा है. 11 चाय बागानों के खिलाफ कोर्ट में मामले चल रहे हैं. वाममोर्चा के शासनकाल में चाय श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 77 रुपया थी, जो अब बढ़ कर 250 रुपये हो गयी है. राज्य में चाय श्रमिकों की संख्या तीन लाख 78 हजार 283 है. इस बार सभी चाय श्रमिकों को 16 फीसदी बोनस मिला है. मंत्री ने बताया कि राज्य के प्रत्येक चाय श्रमिक को प्रति माह 35 किलो चावल नि:शुल्क दिया जाता है. जबकि असम में चाय श्रमिकों को नौ रुपये की दर से एक महीने में 20 किलो चावल मिलता है. पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग द्वारा शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध कराया जाता है. शुभेंदु अधिकारी ने पूछा था कि राज्य के चाय श्रमिक असम क्यों जाते हैं? असम की तरह यहां 20 फीसदी बोनस क्यों नहीं दिया गया है?

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