कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को बीएमडब्ल्यू की सात कारों की खरीद के लिए निविदा जारी करने पर भ्रष्टाचार रोधी लोकपाल की आलोचना की. पार्टी ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बनायी गयी यह संस्था अब ‘फिजूलखर्ची’ कर रही है. सांसद साकेत गोखले और सुष्मिता देव सहित तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह विडंबना ही है कि भ्रष्टाचार रोधी संस्था अपने कामकाज को मजबूत करने के बजाय अपने वार्षिक बजट का एक बड़ा हिस्सा महंगी गाड़ियों पर खर्च कर रही है. तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने ‘एक्स’ पर कहा,“लोकपाल की विलासिता. भारत के लोकपाल का वार्षिक बजट 44.32 करोड़ रुपये है. अब लोकपाल सभी सदस्यों के लिए लगभग पांच करोड़ रुपये में सात महंगी बीएमडब्ल्यू कारें खरीद रहे हैं. यह पूरे वार्षिक बजट का 10 फीसदी है. लोकपाल कथित तौर पर एक भ्रष्टाचार रोधी संस्था है. तो फिर भ्रष्ट लोकपाल की जांच कौन करेगा?” तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने भी कहा कि यह कदम लोकपाल के गठन के मूल विचार का ही अपमान है. उन्होंने कहा, “आज, हमने अखबारों में देखा कि लोकपाल जैसी संस्था ने महंगी कारों के लिए निविदा जारी की है. लोकपाल भारत के लोगों को क्या संदेश देना चाहता है?” सांसद ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार ने लोकपाल को लगातार कमजोर किया है. उन्होंने कहा, “सात साल से ज्यादा समय से लोकपाल निष्क्रिय बना हुआ है.अब यह बेहद शर्मनाक है कि जिस संस्था को भ्रष्टाचार से लड़ना था, वही अपने लिए महंगी कारें खरीदने की कोशिश कर रही है. यह न सिर्फ भारत के लोगों का अपमान है बल्कि यह भारत के लोगों की उस भावना का भी अपमान है, जिसने तत्कालीन सरकार को लोकपाल की स्थापना के लिए मजबूर किया था.”
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