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हुगली में हटाये गये शिक्षकों का हल्ला बोल

प्रदर्शनकारियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, मिरर इमेज प्रकाशित करने और योग्य उम्मीदवारों की पुनर्बहाली की मांग को लेकर विशाल जुलूस निकाला

हुगली. बुधवार को हल्ला बोल आंदोलन के तहत हुगली में नौकरी से हटाये गये शिक्षकों ने चुंचुड़ा स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइ) कार्यालय में ताला जड़ दिया. प्रदर्शनकारियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, मिरर इमेज प्रकाशित करने और योग्य उम्मीदवारों की पुनर्बहाली की मांग को लेकर विशाल जुलूस निकाला. डीआइ कार्यालय की ओर बढ़ते हुए शिक्षकों ने रास्ते में कुछ समय के लिये जीटी रोड भी अवरुद्ध किया. इसके बाद जुलूस पिपुलपाती स्थित शिक्षा भवन पहुंचा, जहां डीआई कार्यालय और मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया गया. इलाके में ””वी वांट जस्टिस”” के नारों से माहौल गूंज उठा. स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिये पुलिस बल को बुलाया गया. कुछ प्रदर्शनकारी जब उत्तेजित होकर डीआई कार्यालय के गेट पर ताला लगाने लगे, तब चुंचुड़ा थाने से आये पुलिसकर्मियों ने कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की. इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक सत्यजीत मंडल कार्यालय से बाहर आये और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. डीआइ सत्यजीत मंडल ने स्पष्ट किया कि योग्य और अयोग्य का चयन करना स्कूल सर्विस कमीशन की जिम्मेदारी है, डीआइ की नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अब तक कोई निर्देश नहीं आया है. प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने आरोप लगाया कि योग्य-अयोग्य की अलग पहचान न होने की वजह से लगभग 26,000 शिक्षक नौकरी से हाथ धो बैठे हैं.

आंदोलनकारी शिक्षिका देवयानी मंडल ने कहा, “हमने योग्यता से नौकरी पायी थी. अब उसी को साबित करने के लिये हमें सड़क पर उतरना पड़ा है. इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता. ”

सावड़ा यूनियन हाइस्कूल में पढ़ा चुकी इशिता मंडल ने कहा, “अगर हम अयोग्य होते तो कोर्ट हमारे वेतन लौटाने का आदेश देता. ऐसा नहीं हुआ, इसका मतलब हम योग्य हैं. हम सम्मान के साथ स्कूल लौटना चाहते हैं. ”

नालिकुल देशबंधु विद्यालय के एक शिक्षक, जिन्होंने नाम नहीं बताया, ने कहा, “हम भ्रष्टाचार से जुड़े नहीं थे, फिर भी सजा मिली. दो आधारों पर हमें हटाया गया, जिन पर कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हुई. ”

मुख्य मांगें

प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं –

1. मिरर इमेज प्रकाशित किया जाये.

2. दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो.

3. योग्य उम्मीदवारों की बहाली की जाये.

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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