प्रतिनिधि, खड़गपुर
पश्चिम मेदिनीपुर के कुचलाचाटी प्राथमिक विद्यालय की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिक तनुश्री दास को इस वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुना गया है. दास अपनी अनोखी कार्यपद्धति के लिए जानी जाती हैं. समग्र शिक्षा मिशन द्वारा आयोजित जिलाव्यापी ‘शिक्षण एवं अधिगम सामग्री’ प्रतियोगिता में यह विद्यालय जिले के लगभग 3,500 प्राथमिक विद्यालयों में प्रथम स्थान पर रहा. विद्यालय की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका तनुश्री दास ‘शिक्षा रत्न’ हैं. उन्हें यह पुरस्कार 2020 में मिला था. 2022 में कुचलाचाटी प्राथमिक विद्यालय को केंद्र सरकार का स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार भी मिला. 2023 में इस विद्यालय को राज्य सरकार का निर्मल विद्यालय पुरस्कार भी मिला. हालांकि वह 1999 से अध्यापन कर रही हैं, तनुश्री दास ने 2016 में कुचलाचाटी प्राथमिक विद्यालय की कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका का पदभार संभाला. वर्तमान में इस प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच तक की शिक्षा दी जाती है. यहां लगभग 175 छात्र हैं. इस स्कूल में कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका सहित कुल छह शिक्षक हैं. तनुश्री दास ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्कूल को बखूबी सजाया है.
एक-दो रुपये में जमा किये गये पैसे हाइस्कूल में दाखिले के समय काम आते हैं. 2017 से लक्ष्मी के जार जैसे दिखने वाले एक प्लास्टिक के डिब्बे में पैसे जमा किये जाते हैं. शिशु संसद के छात्र-छात्राएं इसकी देखभाल करते हैं. वे अपनी सुविधानुसार उस जार में एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये जमा करते हैं. स्कूल की शिक्षिका गौरी बेरा, अनामिका अट्टा और अन्य ने भी बताया कि छात्रों द्वारा बचाये गये पैसे कभी-कभी उनके परिवारों के लिए मुसीबत के समय काम आते हैं. उन्होंने तीसरी कक्षा की छात्रा रुबीना खातून का उदाहरण दिया. रुबीना के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं. कुछ महीने पहले रुबीना की मां अचानक बीमार पड़ गयीं. रुबीना स्कूल आयी और कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका से कहा कि अगर उन्हें उनके जार से पैसे मिल जायें, तो वह अपनी मां को डॉक्टर के पास ले जायेंगी. रुबीना ने उस समय बताया था कि मैं इन पैसों से अपनी मां को डॉक्टर के पास ले गयी थी. स्कूल में ””काने काने बोलो”” नाम का एक डिब्बा भी है. छात्र पत्र लिखकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं. शिक्षक इसे पढ़ते हैं. अगर कोई समस्या आती है, तो वे उसका समाधान करने का प्रयास करते हैं. इसके लिए कभी-कभी जरूरत पड़ने पर अभिभावकों को भी बुलाया जाता है. विद्यार्थियों को खुश रखने और अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल में सब्ज़ी या किचन गार्डन के अलावा फलों के बगीचे और जड़ी-बूटियों के बगीचे भी लगाये गये हैं. गर्मियों में पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए बगीचे में पेड़ों पर पानी के बर्तन लटकाये जाते हैं. शिक्षिका तनुश्री दास ने कहा कि कोई भी पुरस्कार या सम्मान मुझे गौरवान्वित करता है. इससे मेरे कार्यक्षेत्र का दायरा भी बढ़ता है. यह सम्मान मेरे अकेले के प्रयासों से नहीं मिला है. स्कूल के सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रयासों से ही मैं आज यह सम्मान प्राप्त कर पायी हूं. भविष्य में मैं उनके साथ मिलकर और बेहतर करने की इच्छा रखती हूं.
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