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…तो केंद्र से मिला पुरस्कार लौटायेंगे या नहीं : ब्रात्य

राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने आरजी कर की घटना पर कलाकारों के पुरस्कार लौटाये जाने पर कटाक्ष किया

कोलकाता. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने आरजी कर की घटना पर कलाकारों के पुरस्कार लौटाये जाने पर कटाक्ष किया. मंत्री ने सवाल किया कि अगर देश के अन्य हिस्से में ऐसी घटना हुई, तो वे केंद्र सरकार से मिला पुरस्कार लौटाएंगे या नहीं? गुरुवार को शिक्षक दिवस के मौके पर विकास भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो घटना हुई है, वह निंदनीय है. लेकिन थियेटर कलाकारों का पुरस्कार लौटाने का कोई औचित्य नहीं है. उन्हें कहा, “आप मना कर सकते हैं. जिसने थियेटर बनाया, उसके फैसले का स्वागत है.

मैं अपनी थियेटर एकेडमी की ओर से कह सकता हूं कि भले ही वह वाममोर्चा से हैं, लेकिन तृणमूल सरकार ने उनके मामले में कोई भेदभाव नहीं किया.ब्रात्य ने यह भी कहा, “हर किसी को अधिकार है. मैं उनके प्रति कोई भी परोक्ष, निंदनीय टिप्पणी नहीं करूंगा. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि उन्होंने अपना काम किया है. मुझे उम्मीद है कि अगर केंद्रीय स्तर पर ऐसी जघन्य घटनाएं होती हैं, तो कलाकार केंद्र से मिला पुरस्कार भी लौटा देंगे.” बता दें कि नाट्यकार चंदन सेन ने हाल ही में राज्य के सर्वोच्च नाटक सम्मान ‘दीनबंधु मित्र पुरस्कार’ को लौटाने की घोषणा की है.

चंदन के अलावा थियेटर निर्देशक विप्लब बनर्जी, संजीता मुखर्जी, अलीपुरद्वार के साहित्यकार परिमल दे, सुदीप्त चक्रवर्ती ने भी पुरस्कार लौटा दिया है. इस पर गुरुवार को शिक्षा मंत्री ने अपनी नाराजगी जताते हुए कटाक्ष भी किया.

हेल्पलाइन नंबर जारी

शिक्षा मंत्री ब्रात्य बासु ने गुरुवार को विकास भवन में एक औपचारिक कार्यक्रम किया. उन्होंने कहा कि आरजी कर की घटना के कारण शिक्षा विभाग इस साल शिक्षक दिवस नहीं मना रहा है. मंत्री ने कहा : स्कूल व कॉलेज शिक्षकों की कमी संबंधी शिकायतों की निवारण के लिए 10 शिकायत निवारण तंत्र शुरू किये गये हैं. इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर हेल्पलाइन के रूप में जारी किया गया है. 91-908835544 नंबर पर शिकायतें दर्ज करा सकते हैं. यह नंबर 365 दिन सक्रिय रहेगा. एक विशेष टीम का गठन किया गया है.

, जो शिकायतों की त्वरित समीक्षा और समाधान सुनिश्चित करेगी. पूरी प्रक्रिया डिजिटल रूप से दर्ज की जायेगी. मंत्री ने कहा कि माध्यमिक के छात्रों की भी समस्या का निदान किया जा रहा है, ताकि उन्हें बार-बार दस्तावेज जमा करने की परेशानी से मुक्ति मिल जाये. ब्रात्य ने यह भी कहा कि 10 साल तक सेवाएं देने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को पेंशन दिये जाने का नियम है. अगर किसी शिक्षक के नौ साल छह या आठ महीने ही होते हैं, तब भी स्कूल शिक्षा विभाग उनकी पेंशन की समस्या का समाधान करने की कोशिश करेगा.

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Prabhat Khabar News Desk
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