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शुभेंदु को धरना-प्रदर्शन की अनुमति

कलकत्ता हाइकोर्ट ने प्रदेश भाजपा को दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना9प्रदर्शन करने की सशर्त अनुमति दे दी.

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बारुईपुर जिला अधीक्षक कार्यालय के सामने प्रदर्शन के लिए हाइकोर्ट ने रखी कई शर्तें

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने प्रदेश भाजपा को दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना9प्रदर्शन करने की सशर्त अनुमति दे दी. हाइकोर्ट के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने अपने आदेश में कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता गुरुवार को दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक धरना दे सकते हैं, जहां 25 माइक्रोफोन का प्रयोग किया जा सकता है. अस्पताल क्षेत्र से 500 मीटर दूरी पर माइक्रोफोन लगाने होंगे. अदालत ने आदेश दिया है कि कार्यक्रम में अधिकतम एक हजार कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हो सकते हैं. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान भाजपा के वकील ने अदालत में दावा किया कि राज्य में काफी सक्षम पुलिस बल है. राज्य सरकार ने स्वयं कहा कि पिछले कार्यक्रम में 450 पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे. तो फिर अनुमति देने में कठिनाई क्या है? भाजपा के अधिवक्ता ने कहा कि पिछले कार्यक्रम में हमारे नेताओं की कार पर हमला किया गया. इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि ऐसा क्यों हुआ था. इस पर भाजपा के अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण हमारे नेताओं पर हमला हुआ था.

भाजपा नेताओं पर हमले की घटना पर हाइकोर्ट ने मांगा वीडियो फुटेज

आरोप है कि सिलीगुड़ी से भाजपा विधायक शंकर घोष और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर 19 मार्च को बारुईपुर में एक कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था. उस घटना में पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया गया था. बुधवार को न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने पुलिस को घटना के दिन भाजपा के पास मौजूद वीडियो फुटेज सौंपने का आदेश दिया. इस मामले की सुनवाई फिर से गुरुवार को होगी. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि भाजपा के वकील ने पुलिस को ईमेल किया था. पुलिस ने जवाब में ईमेल भेजकर जानकारी मांगी. लेकिन उन्हें कोई और जवाब नहीं मिला. इस संदर्भ में न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण से बाहर नहीं जाने दिया जा सकता. हालांकि, राज्य सरकार के वकील ने दावा किया कि वहां उच्च पदाधिकारी समेत लगभग 450 पुलिस अधिकारी तैनात थे. हमने सभी फुटेज की समीक्षा की है.विपक्ष के नेता को किसी ने छुआ तक नहीं. वीडियो फुटेज में कार पर हमले की भी कोई दृश्य सामने नहीं आया है. इसके बाद ही हाइकोर्ट ने प्रदेश भाजपा से वीडियो फुटेज पेश करने के लिए कहा.

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