संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उत्तर दिनाजपुर जिले में बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) के मनमाने तरीके से तबादले का आरोप लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने इसे राज्य सरकार की चुनाव सुधार प्रक्रिया में दखल और मतदाता सूची प्रबंधन में गड़बड़ी की कोशिश करार दिया है. सोमवार को लिखे इस पत्र में अधिकारी का कहना है कि जिन बीएलओ को हटाया गया है, उन्होंने हाल ही में दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा आयोजित विशेष प्रशिक्षण लिया था. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची को सटीक और पारदर्शी रखने की उनकी क्षमता को बढ़ाना था, लेकिन राज्य सरकार ने बिना किसी ठोस कारण या उचित प्रक्रिया के उनकी नियुक्तियां रद्द कर दीं.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “यह चुनाव आयोग की सुधार पहल में जानबूझकर हस्तक्षेप जैसा लगता है, जो मतदाता सूची प्रबंधन में अनियमितताओं और आने वाले चुनावों को प्रभावित कर सकता है.” श्री अधिकारी ने आयोग से तत्काल मामले का संज्ञान लेने, उत्तर दिनाजपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी (जिलाधिकारी), निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और सहायक ईआरओ समेत प्रभावित जिलों के अधिकारियों से विस्तृत स्पष्टीकरण मांगने तथा कार्रवाई मनमानी पाये जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाने की मांग की है.
शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि बीएलओ को हटाने की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 28 जुलाई को बोलपुर, बीरभूम में एक प्रशासनिक बैठक और रैली में दिये गये भाषण के बाद तेज हुई. उनके अनुसार, मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हुई चुनाव आयोग की बीएलओ ट्रेनिंग पर नाराजगी जतायी थी और कहा था कि यह उनके या मुख्य सचिव को बताये बिना आयोजित की गयी. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को यह भी याद दिलाया था कि वे राज्य सरकार के कर्मचारी हैं.
राज्य सरकार व निजी एजेंसी के बीच सांठगांठ की जांच के लिए केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र : इसके साथ ही शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल प्रशासन और एक निजी एजेंसी के बीच कथित अपवित्र और अवैध मिलीभगत की तत्काल जांच का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि एक निजी एजेंसी के कर्मचारी, जो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए काम करनेवाली एक निजी राजनीतिक परामर्श फर्म के कर्मचारी हैं, वे अब राज्य सरकार और प्रशासन की कार्रवाई में घुसपैठ कर रहे हैं.
श्री अधिकारी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों और पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस अधिकारियों निर्देश जारी कर रहे हैं. यह सत्ता का घोर दुरुपयोग है. उन्होंने कहा है कि यह एक वित्तीय घोटाला भी हो सकता है और पश्चिम बंगाल के प्रत्येक नागरिक के विश्वास के साथ विश्वासघात भी. श्री अधिकारी ने कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक मुद्दा नहीं है, यह हमारे लोकतंत्र के लिए एक खतरा है, इसलिए मामले की जांच बहुत जरूरी है.
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