साकेत गोखले ने कहा- गृह मंत्रालय जमींदार की मानसिकता से कर रहा काम
एजेंसियां, नयी दिल्लीराज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और तृणमूल सांसद साकेत गोखले के बीच जमकर वाद-विवाद हुआ. गोखले ने नरेंद्र मोदी सरकार में गृह मंत्रालय पर ‘जमींदार की मानसिकता’ रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआइ द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार से जुड़े 6900 से अधिक मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत मात्र 350 लोगों को ही नागरिकता दी जा सकी है. गोखले ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय का यह कर्तव्य नहीं है कि वह राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करे. इस पर उन्हें टोकते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सदस्य को गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू करने के लिए कहा गया है. किंतु उन्हें शायद यह नहीं मालूम कि सीबीआइ या वे एजेंसियां जिनके बारे में वह चर्चा करना चाहते हैं, वे गृह मंत्रालय के तहत नहीं आती हैं. उन्होंने कहा कि यदि सदस्य को चर्चा का दायरा बढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो वह भी अपने जवाब का दायरा बढ़ायेंगे और ‘हर चीज का’ जवाब दिया जायेगा. इस पर गोखले ने अपनी बात जारी करते हुए कहा: सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के 6900 मामले दर्ज किये हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के ऐसे 361 मामले अदालत में विचाराधीन हैं. इसके बाद गृह मंत्री ने आसन की अनुमति से हस्तक्षेप करते हुए कहा: मैं किसी की कृपा से यहां नहीं आया. मैं सात बार चुनाव जीतकर आया हूं. एक विचारधारा का विरोध कर यहां नहीं घुस गया हूं. डरने का सवाल ही नहीं उठता.उन्होंने कहा कि तृणमूल सदस्य जिन मामलों के बारे में कह रहे हैं, उन्हें उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के निर्देश पर पंजीकृत किया गया. श्री शाह ने कहा: तृणमूल कांग्रेस सदस्य कह रहे हैं कि एक भी सीबीआइ मामले में परिणाम नहीं आ रहा. परिणाम इसलिए नहीं आ रहा क्योंकि पश्चिम बंगाल में एक भी सीबीआइ अदालत नहीं बनायी गयी है.
तृणमूल सदस्य ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआइए) को आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की जांच के लिए बनाया गया था किंतु यह मोदी सरकार के विरोध में बोलने वालों के खिलाफ काम कर रही है.उन्होंने सरकार पर इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये विपक्ष के नेताओं सहित विभिन्न लोगों की जासूसी कराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति ने न्यायालय से कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही है.
क्या बोले साकेत गोखले
तृणमूल सांसद साकेत गोखले ने संसद में कहा: सीबीआइ ने भ्रष्टाचार के 6900 मामले दर्ज किये हैं. भ्रष्टाचार के ऐसे 361 मामले अदालत में विचाराधीन हैं.केंद्र सरकार के तमाम दावों के बावजूद अभी तक संशोधित नागरिकता कानून के तहत मात्र 350 लोगों को ही नागरिकता दी गयी है.क्या कहा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने
शाह ने कहा: ये सारे भ्रष्टाचार के मामले नहीं हैं. चुनावी हिंसा किस प्रकार की…चुनाव में हमारी (भाजपा की) सीटें ज्यादा क्या आ गयीं, जहां हमारा बहुमत था, वहां चुन चुनकर बूथों में हत्या की गयी. महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया. कोई कार्रवाई नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं. जब पीड़ित लोग हाइकोर्ट पहुंचे तो उसके आदेश पर मामले सीबीआइ को दिये गये. उन्होंने कहा: ये सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानेंगे. उच्च न्यायालय को भी नहीं मानेंगे. जमींदारी कौन कर रहा है, अब यह पूरा देश देखेगा. इसके बाद गोखले ने अपने और शाह के बारे में एक ऐसी टिप्पणी की जिस पर सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि तृणमूल सदस्य को वह टिप्पणी वापस लेनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

