हीमोप्रोटोजोअन पैरासाइट संक्रमण से मौत की आशंका, विसरा जांच जारी
कोलकाता. अलीपुर चिड़ियाखाना में बुधवार सुबह एक रॉयल बंगाल बाघिन की मौत हो गयी. बाघिन अगले फरवरी में तीन साल की होने वाली थी. कम उम्र में हुई इस मौत के बाद चिड़ियाखाने में जानवरों की सेहत और निगरानी व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गये हैं.संक्रमण से मौत की आशंका
चिड़ियाखाना सूत्रों के मुताबिक बाघिन हीमोप्रोटोजोअन पैरासाइट से संक्रमित थी. वह पिछले तीन-चार दिनों से काफी बेचैन नजर आ रही थी. अलीपुर एनिमल हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा था. बुधवार सुबह उसकी मौत हो गयी. बाघिन का पोस्टमार्टम कराया गया है और मौत के असली कारण की पुष्टि के लिए विसरा जांच के लिए सैंपल भेजे गये हैं.
नंदनकानन में जन्म, ब्रीडिंग के लिए लायी गयी थी अलीपुर
बताया गया है कि यह पीली-काली धारीदार बाघिन फरवरी 2023 में नंदनकानन चिड़ियाघर में पैदा हुई थी. पिछले साल अगस्त में उसे ब्रीडिंग के उद्देश्य से अलीपुर चिड़ियाघर लाया गया था. पोस्टमार्टम के बाद बाघिन के शव को गढ़चुमुक ले जाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार किया जायेगा.रूटीन जांच पर उठे सवाल
एनिमल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ उत्पल दास ने बताया कि बाघों, कुत्तों और बिल्लियों में यह हीमोप्रोटोजोअन पैरासाइट बीमारी आमतौर पर टिक्स के जरिए फैलती है. यह संक्रमण खून के माध्यम से पूरे शरीर में फैलता है. समय पर सतर्कता और इलाज से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है. इसके लिए रूटीन ब्लड टेस्ट बेहद जरूरी होता है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बाघिन का ब्लड टेस्ट तय समय पर किया गया था या नहीं. इस मुद्दे पर चिड़ियाघर के किसी वरिष्ठ अधिकारी का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

