कोलकाता.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व उसकी हत्या के मामले में नया मोड़ सामने आया है. मृत चिकित्सक के परिजनों ने सियालदह कोर्ट में ऐसे चौंकाने वाले दस्तावेज जमा किये हैं, जिससे पूरे मामले में जांच को नयी दिशा मिल सकती है. परिवार का आरोप है कि चिकित्सक की मौत के बाद भी उसका मोबाइल फोन इस्तेमाल किया गया. सूत्रों के अनुसार सियालदह कोर्ट में चल रहे मामले से जुड़े एक मुकदमे के दौरान पीड़िता के परिवार ने बंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज सौंपे हैं. परिवार का आरोप है कि मृत चिकित्सक का मोबाइल फोन नंबर मृत्यु के बाद भी सक्रिय रहा और एक व्हाट्सऐप ग्रुप में उसकी गतिविधियां दर्ज की गयीं. पीड़िता के परिवार के वकील ने अदालत को बताया कि आरंभ में पुलिस ने यह मोबाइल फोन अपने कब्ज़ में लिया था, बाद में जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दी गयी. वर्तमान में यह फोन सीबीआइ के कब्जे में है, लेकिन परिवार का सवाल है कि “जब फोन पहले पुलिस और फिर सीबीआइ के पास रहा, तो व्हाट्सऐप ग्रुप तक उससे एक्सेस कैसे हुआ?”अदालत ने परिवार से कहा है कि पूरा मामला सीबीआइ के संज्ञान में लाया जाये, क्योंकि इस केस की जांच एजेंसी वही कर रही है.
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