कोलकाता.
ममता सरकार द्वारा उत्तर बंगाल के बाढ़ व भूस्खलन प्रभावित इलाकों के लिए जनसहयोग से राहत कोष बनाये जाने के फैसले पर मंगलवार को भाजपा ने सवाल उठाये. राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान वर्ष 2020 में ऐसा राहत कोष बनाया था. ताजा राहत कोष के तहत सरकार ने यह प्रावधान भी रखा है कि इसमें प्राप्त धनराशि का उपयोग राज्य के किसी भी हिस्से में भविष्य में आने वाली किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किया जा सकेगा, केवल उत्तर बंगाल तक सीमित नहीं रहेगा. इस निर्णय के बाद राज्य की वित्तीय स्थिति को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं कि क्या सरकार अब आपातकालीन सेवाओं के लिए भी जनता से चंदा मांगने को मजबूर है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने मंगलवार को कोलकाता से नयी दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) में केंद्र सरकार के हिस्से का उपयोग कहां किया गया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से 2025 के बीच केंद्र की ओर से एसडीआरएफ में लगभग पांच हजार करोड़ रुपये दिये गये हैं. इस कोष में केंद्र की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत होती है. आखिर यह धनराशि कहां गयी? भाजपा आइटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री के इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार राहत कार्यों में समन्वय कर रही है, वित्तीय सहायता दे रही है और बचाव दल भी भेज रही है, जबकि राज्य प्रशासन की भूमिका नगण्य है. श्री मालवीय ने कहा कि लोगों की पीड़ा पर राजनीति करने के बजाय ममता बनर्जी को शासन पर ध्यान देना चाहिए, शिकायत पर नहीं.आपदा में लोगों की मदद के लिए विशेष राहत कोष गठित करेगी राज्य सरकार
राज्य के उत्तरी क्षेत्र में पूजा के ठीक बाद आयी प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की जान चली गयी है और हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गये हैं, इसलिए उत्तर बंगाल के लोगों को राहत प्रदान करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने विशेष राहत कोष गठित करने का फैसला किया है. राज्य सरकार पहले से ही मृतकों के परिवारों को मुआवजा दे रही है. साथ ही, यह राहत कोष समानांतर रूप से स्थापित किया जा रहा है. कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार राहत कोष में योगदान दे सकता है. हालांकि प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह कोष केवल उत्तर बंगाल में आयी आपदा को ध्यान में रखकर नहीं बनाया जा रहा है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस कोष में जमा धन का उपयोग राज्य के किसी भी हिस्से में आपदाओं से निबटने के लिए किया जायेगा. कोविड की स्थिति के दौरान भी, राज्य सरकार द्वारा एक विशेष राहत कोष स्थापित किया गया था. राज्य ने विभिन्न राज्य विभागों की वेबसाइटों और मीडिया के माध्यम से लोगों तक कोष का विवरण पहुंचाया था. पता चला है कि इस बार भी लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के लिए बनाये गये राहत कोष के बारे में इसी तरह जानकारी दी जायेगी. सूत्रों का कहना है कि इस राहत कोष के बैंक खाता संख्या से लेकर अन्य जानकारियां बहुत जल्द जारी की जायेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

