मिल के गेट के बाहर धरने पर बैठे श्रमिक, काम से हटाये गये श्रमिकों की वापसी की मांग पर अड़े
प्रतिनिधि, हुगली.
जिले की अंगस जूट वर्कर्स कारखाना में सोमवार सुबह से उत्पादन पूरी तरह ठप है. मिल के सैकड़ों मजदूर प्रबंधन के आदेश के विरोध में मुख्य गेट पर धरने पर बैठे हुए हैं.
मिल प्रबंधन की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि उम्रदराज मजदूरों को अब अन्य कार्यों में स्थानांतरित किया जायेगा. इसी क्रम में लगभग डेढ़ सौ मजदूरों के नाम सूचीबद्ध किये गये. इसके विरोध में श्रमिकों ने गोलबंद होकर प्रदर्शन शुरू किया. स्थिति बिगड़ने पर प्रबंधन ने एक और नोटिस जारी किया, जिसमें 23 श्रमिकों पर कारखाने के अंदर हंगामा कर काम बंद करवाने का आरोप लगाया गया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गयी. इससे खफा होकर मजदूरों ने पूरे मिल का उत्पादन बंद कर दिया.
तृणमूल श्रमिक संगठन की चांपदानी इकाई के अध्यक्ष किशोर केवट ने कहा कि यह मजदूरों के साथ बार-बार किया जाने वाला अन्याय है. 2024 में भी लगभग 180 मजदूरों को इसी तरह जबरन काम से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि जब तक सभी मजदूरों को काम पर वापस नहीं लिया जाता, धरना जारी रहेगा.
लॉरियों की आवाजाही ठप
धरने के कारण जूट मिल परिसर में लारियों की आवाजाही बाधित हो गई है. अंदर आने वाले ट्रक और मालवाहक गाड़ियां बाहर नहीं निकल पा रही हैं. उत्पादन पूरी तरह बंद है और मिल परिसर में अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
इस बीच प्रबंधन से संपर्क की कोशिशें नाकाम रहीं. मजदूरों का कहना है कि पर्सनल मैनेजर केपी शी मजदूरों के साथ अन्याय कर रहे हैं, जबकि मिल के प्रेसिडेंट एमएम स्वाइका और मालिक आरके पोद्दार का व्यवहार अच्छा है. श्रमिकों के अनुसार, “एक सड़ी मछली जैसे पूरे तालाब को गंदा करती है, वैसे ही केपी शी मिल के माहौल को खराब कर रहे हैं.”
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