कोलकाता.
कलकत्ता हाइकोर्ट ने भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर हुए हमले के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. मंगलवार को हाइकोर्ट की पूजा अवकाशकालीन पीठ की न्यायमूर्ति शंपा दत्त पाल ने मामले की सुनवाई के बाद निर्देश दिया कि पुलिस को इस हमले से संबंधित केस डायरी अदालत में जमा करनी होगी. इस मामले की अगली सुनवाई 27 अक्तूबर को होगी. क्या है मामला : उत्तर बंगाल में हाल ही में आयी प्राकृतिक आपदा के बाद छह अक्तूबर को भाजपा के उक्त दोनों नेता उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने जलपाइगुड़ी के नागराकाटा पहुंचे थे. आरोप है कि वहां उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा. बड़ी संख्या में लोग लाठी और जूते लेकर उनके ऊपर टूट पड़े. कुछ लोगों ने उनके वाहनों पर पत्थर भी फेंके, जिससे सांसद खगेन मुर्मू के चेहरे पर चोट लगी और उनकी बायीं आंख के नीचे से खून बहने लगा. विधायक शंकर घोष को भी धक्का दिया गया और उनके हाथ में चोट आयी. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि, शंकर घोष को बाद में छुट्टी मिल गयी, जबकि खगेन मुर्मू की चिकित्सा अभी भी चल रही है. इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हमले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अधिवक्ता अनिंद्यसुंदर दास ने हाइकोर्ट का ध्यान आकर्षित किया और एक जनहित याचिका दायर की. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में कहा गया कि सांसद और विधायक पर यह हमला जानबूझकर किया गया था और इसमें हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया.उन्होंने मांग की कि इस घटना की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जाये. हालांकि, न्यायमूर्ति शंपा दत्त पाल ने फिलहाल एनआइए जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की.
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