कार्यक्रम. अब 11वीं और 12वीं के लिए 14 सितंबर को होगी नियुक्ति परीक्षा
संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की कक्षा नौ और 10 की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा रविवार को बगैर किसी बाधा के संपन्न हो गयी. राज्य में कुल 636 केंद्रों पर एक साथ दोपहर 12 बजे से परीक्षा शुरू हुई और 1.30 बजे समाप्त हो गयी. दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त आधे घंटे का समय आवंटित होने के कारण, उनकी परीक्षा दोपहर दो बजे खत्म हुई. परीक्षा के दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. डब्ल्यूबीएसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने एक बयान में कहा: 3.19 लाख उम्मीदवारों में से लगभग 91 प्रतिशत ने परीक्षा दी. मैं पूरे राज्य प्रशासन को धन्यवाद देता हूं कि उसने हमें सुचारू रूप से परीक्षा आयोजित करने में पूर्ण सहयोग दिया. बिहार के भी कई अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए. मजूमदार ने बताया कि बाहरी उम्मीदवारों की कुल संख्या 31,000 से ज्यादा रही. एसएससी सूत्रों के मुताबिक, कक्षा 11-12 के लिए शिक्षक नियुक्ति परीक्षा 14 सितंबर को होगी. इसमें करीब 2 लाख 46 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे. केंद्रों की संख्या 478 होगी.अधिकांश उम्मीदवारों ने केंद्र से निकलने के बाद बताया कि प्रश्नपत्र स्तरीय और अपेक्षित था. उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई. कई उम्मीदवारों ने उम्मीद जतायी कि अगर प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से आगे बढ़े, तो योग्य उम्मीदवारों को इस बार सही अवसर मिलेगा. जो लोग सालों से शिक्षक की नौकरी पाने का सपना देख रहे हैं, उनकी मेहनत सार्थक होगी. एसएससी के सूत्रों ने बताया कि उत्तर 24 परगना के बेलघरिया स्थित भैरव गांगुली कॉलेज में परीक्षा के दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी. बताया गया है कि एक व्यक्ति ने बिना अनुमति के परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने की कोशिश की और पुलिस के साथ उसकी झड़प हो गयी. बाद में, शिवाशीष दास नाम के व्यक्ति को बेलघरिया थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बाकी सभी केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण हुई. परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. एडमिट कार्ड पर बार कोड लगे रहने के कारण कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई. एसएससी नियुक्ति परीक्षा 2016 के दौरान ओएमआर शीट से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे. उस अनुभव से सबक लेते हुए इस बार नये नियम के तहत आयोग द्वारा अतिरिक्त सावधानी बरती गयी. और ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी उम्मीदवारों को घर ले जाने के लिए दी गयी. वहीं, यह भी तय किया गया है कि काउंसलिंग के बाद पैनल और प्रतीक्षा सूची की वैधता एक साल की होगी. जरूरत पड़ने पर राज्य की अनुमति से इसे छह महीने के लिए और बढ़ाया जा सकेगा. पैनल की वैधता समाप्त होने के बाद ओएमआर शीट दो साल और स्कैन कॉपी 10 साल तक सुरक्षित रखी जायेगी. गौरतलब है कि 2016 की नियुक्ति परीक्षा में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरी प्रक्रिया रद्द कर दी गयी थी. करीब 26 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों की नौकरी चली गयी. उस फैसले के बाद यह परीक्षा दोबारा आयोजित की जा रही है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जिन लोगों को ‘दागी’ करार दिया था, उनमें से कई ने कोर्ट जाकर परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अदालत ने साफ कर दिया है कि नयी नियुक्ति प्रक्रिया में कोई भी दागी अभ्यर्थी शामिल नहीं हो पायेगा. आयोग ने सूची प्रकाशित की थी, जिसमें 1,806 लोगों को अपात्र घोषित किया गया था. आयोग को राहत है कि रविवार की परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गयी.
क्या बोले नौकरी गंवाने वाले शिक्षक
नौकरी गंवाने वाला एक शिक्षक, जिसकी नियुक्ति 2016 के उस समूह में हुई थी, जिसकी भर्ती शीर्ष अदालत ने रद्द कर दी थी, भी परीक्षा में बैठा. उसने कहा कि ‘खुद को अपडेट’ करने की जरूरत है. न्यायालय के फैसले के बाद अपनी नौकरी खोने वाली 55 वर्षीय एक अन्य महिला परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले रो पड़ी और कहा: क्या आपको लगता है कि सात साल तक शिक्षक रहने के बाद एक युवा छात्र जैसी तैयारी संभव है? मेरी कोई तैयारी नहीं है, क्योंकि मैं मानसिक रूप से इस दर्द को झेलने में सक्षम नहीं हूं. नौकरी खो चुके कई अन्य अभ्यर्थियों ने कहा कि सात साल तक अध्यापन करने के बाद नये अभ्यर्थियों के साथ परीक्षा देने के कारण वे मानसिक और भावनात्मक पहलू पर बहुत तनाव महसूस कर रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

