कोलकाता. तीर्थराज प्रयाग जाने वाली विभूति एक्सप्रेस के यात्रियों के लिए खुशखबरी है. पूर्व रेलवे ने हावड़ा-प्रयागराज रामबाग-हावड़ा विभूति एक्सप्रेस को एलएचबी (लिंके-हॉफमैन-बुश) कोच से अपग्रेड कर दिया है. जर्मन तकनीक से बने ये कोच अत्याधुनिक, सुरक्षित और आरामदायक माने जाते हैं.हल्के स्टेनलेस स्टील से बने एलएचबी कोच में डिस्क ब्रेक और बेहतर सस्पेंशन लगे हैं, जिससे यह 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकते हैं. झटके-मुक्त रफ्तार और सुरक्षित डिजाइन के कारण यात्रियों को तेज गति में भी सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलता है. रविवार को हावड़ा मंडल के डीआरएम संजीव कुमार ने एलएचबी कोच के साथ विभूति एक्सप्रेस को रवाना किया. इस अवसर पर डीआरएम विशाल कपूर, वरिष्ठ डीएमई अभिनव बंसल, डीएमई पवन कुमार और मंडल के कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे. एलएचबी कोच जुड़ने के बाद विभूति एक्सप्रेस में कोच की संख्या 19 से घट कर 17 हो गयी है. स्लीपर क्लास में सात कोच होंगे, एसी थ्री में तीन कोच और एसी टू टियर में सीटें 46 से बढ़ कर 52 हो गयी हैं. हावड़ा मंडल की 27 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में अब तक 53 एलएचबी रैक जोड़े जा चुके हैं. छह ट्रेनें अभी भी आइसीएफ कोच के साथ चल रही हैं, लेकिन जल्द ही सभी ट्रेनों को एलएचबी रैक में तब्दील कर दिया जायेगा.
एलएचबी कोच की प्रमुख विशेषताएं:
-एंटी-टेलीस्कोपिक डिजाइन, वर्टिकल इंटरलॉक्ड कपलर और अग्निरोधी सामग्री, जो दुर्घटना में बोगियों के पलटने से रोकती हैं-बेहतर सील्ड ग्लास विंडो, एर्गोनोमिक सीटें, प्रत्येक बर्थ पर चार्जिंग पॉइंट और रीडिंग लाइट
-ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग सेवा और उच्च गुणवत्ता वाली लिनेन-इलेक्ट्रो-न्यूमेटिक प्रेशराइज्ड फ्लशिंग सिस्टम वाले बायो-टॉयलेट, स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल
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