संवाददाता, कोलकाता.
मतदाता सूची की जांच के दौरान तृणमूल कांग्रेस के पार्षद का ही नाम सूची से गायब मिलने पर हड़कंप मच गया. यह मामला दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर नगरपालिका के वार्ड नंबर 13 का है. स्थानीय लोगों ने 2002 की मतदाता सूची में अपने नाम की पुष्टि के लिए पार्षद तापस भद्र के कार्यालय में पहुंचकर जांच शुरू की. सूची की जांच के दौरान यह देख सभी दंग रह गये कि खुद पार्षद का नाम ही मतदाता सूची में नहीं है, जबकि उनके परिवार के सदस्यों और यहां तक कि उनके दिवंगत पिता का नाम सूची में मौजूद है.
पार्षद तापस भद्र ने इसे राजनीतिक साज़िश करार दिया है. उन्होंने कहा, “मैं दो बार का जनप्रतिनिधि हूं. फिर भी मेरा नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है. यह केंद्र सरकार की साजिश है. चुनाव आयोग आखिर सो क्यों रहा है?” इस घटना के बाद उन्होंने बारुईपुर के एसडीओ कार्यालय में औपचारिक शिकायत दर्ज करायी है.
घटना के बाद इलाके में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग मतदाता सूची से नामों में गड़बड़ी कर रहा है. उनका कहना है कि यह ””वैध नागरिकों को जानबूझकर मताधिकार से वंचित करने की चाल”” है. हालांकि, इस मामले में चुनाव आयोग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है.
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