प्रतिनिधि, बारासात.
मध्यमग्राम में ट्रॉली बैग मर्डर मामले में बारासात कोर्ट ने आरोपी मां-बेटी आरती घोष और फाल्गुनी घोष को दोषी ठहराया. बारासात कोर्ट में पूरी सुनवाई प्रक्रिया 8 महीने के भीतर पूरी की गयी. बारासात कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में सजा सुनायेगी. घटना गत फरवरी माह में सामने आयी थी.
जांच में पता चला कि सुमिता घोष तलाक के बाद असम में अपने भाई के घर में रह रही थी. फाल्गुनी घोष ने सुमिता के भाई के बेटे से शादी कर ली थी, लेकिन जब परिवार में तंगी आने लगी, तो फाल्गुनी अपनी मां आरती घोष के पास लौट आयी. दोनों मध्यमग्राम के दक्षिण बिरेशपल्ली में किराये के मकान में रहते थे, वहां से वह सियालदह होते हुए मध्यमग्राम पहुंची. दो दिन बाद, वे तीनों बर्दवान के समुद्रगढ़ में अपने पूर्व पति से मिलने गयी. जांच में पता चला कि सुमिता के साथ बहस के दौरान फाल्गुनी ने उसके सिर पर भारी वस्तु से प्रहार किया था. तब सुमिता जमीन पर गिर गयी, तो उसने और उसकी मां आरती ने मिलकर उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी. फिर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था. दोनों ने मृतका के शरीर से सोने के गहने भी निकाल लिये थे. बाद में उन्होंने उन्हें बेच दिया और दो लाख 59 हजार रुपये प्राप्त किये. फाल्गुनी ने उस पैसे से नये गहने भी खरीदे. गत 24 फरवरी को उक्त शव को घर पर छोड़कर मां और बेटी बड़ाबाजार गयी और एक ट्रॉली बैग खरीद लायी. फाल्गुनी ने बउबाजार में एक सोने की दुकान से एक लाख 63 हजार रुपये के गहने ऑर्डर किये. घर लौटने के बाद उन्होंने शव के पैरों को हथौड़े से तोड़ दिया और उसे एक ट्रॉली बैग में लेकर 25 फरवरी की सुबह ट्रॉली को टैक्सी से कोलकाता के क्म्हारटोली घाट ले गये. स्थानीय लोगों के संदेह के कारण मां और बेटी को शव को गंगा में फेंकने से पहले ही पकड़ लिया गया. ट्रॉली के अंदर से सुमिता घोष का शव बरामद किया गया था. बाद में मध्यमग्राम थाने की पुलिस ने जांच संभाली. पुलिस ने घटना के पुनर्निर्माण, फोरेंसिक रिपोर्ट, टैक्सी और वैन चालकों के बयान और सोने की दुकान के मालिकों से पूछताछ के आधार पर आरोप पत्र दायर किया. कुल 32 गवाहों के बयान सुनने के बाद फाल्गुनी और आरती को शनिवार को कोर्ट ने दोषी ठहराया है.
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