प्रतिनिधि, बनगांव
ऑल इंडिया मतुआ महासंघ ने बनगांव उत्तर के भाजपा विधायक अशोक कीर्तनिया के इस्तीफे की मांग की है. महासंघ का दावा है कि साल 2002 की मतदाता सूची में विधायक के माता-पिता का नाम नहीं था, जिससे उनकी मतदाता पहचान पर सवाल उठ रहे हैं. मतुआ महासंघ ने बनगांव एसडीओ को एक ज्ञापन सौंपकर विधायक के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करायी है और उनके पद से बर्खास्तगी की भी मांग की है. महासंघ का आरोप है कि बनगांव के घाट बाउर इलाके की 2002 की वोटर लिस्ट में विधायक अशोक कीर्तनिया का नाम तो है, लेकिन उनके माता-पिता की तस्वीर और नाम गायब हैं. महासंघ के सचिव प्रसेनजीत विश्वास ने दावा किया कि विधायक का नाम 2011 की मतदाता सूची में उनके माता-पिता के साथ मिला. महासंघ का कहना है कि 2002 की सूची में माता-पिता का नाम नहीं होने के बावजूद विधायक का नाम दर्ज होना अवैध है, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, भाजपा विधायक अशोक कीर्तनिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके पिता 1950 में बांग्लादेश से आये थे और उनके पास सभी वैध दस्तावेज हैं. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता का नाम 1993 की वोटर लिस्ट में था, लेकिन 2002 में क्यों नहीं था, यह उस समय के वामपंथी नेतृत्व से पूछा जाना चाहिए. विधायक ने इस पूरे मामले को तृणमूल की उन्हें परेशान करने की साजिश बताया है. उधर, तृणमूल अध्यक्ष विश्वजीत दास ने कहा कि विधायक को यह जवाब देना होगा कि 2002 की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे दर्ज हुआ, जबकि उनके माता-पिता का नाम उसमें नहीं था.
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