कोलकाता.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीइओ) मनोज कुमार अग्रवाल से मुलाकात कर शिकायत दर्ज करायी. उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं. अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस से जुड़ी कुछ एजेंसियां चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही हैं और फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र तैयार करा रही हैं. उनके अनुसार, यह सब उस आदेश के बाद शुरू हुआ है जिसमें जन्म प्रमाण-पत्र को नागरिकता सत्यापन के लिए वैध दस्तावेज के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. भाजपा नेता ने दावा किया कि इसके बाद से देर से जन्म पंजीकरण कराने के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गयी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी इस पूरी प्रक्रिया को सुगम बना रहे हैं. अधिकारी ने कहा, “खोए हुए दस्तावेजों की आड़ में पूर्वव्यापी प्रभाव से फर्जी प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं.” उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई लोगों ने स्थानीय थानों में सामान्य डायरी (जीडी) दर्ज करायी कि उनके जन्म प्रमाण-पत्र खो गये हैं और बाद में छेड़छाड़ किये गये रिकॉर्ड के आधार पर नये प्रमाण-पत्र जारी कराये गये.उन्होंने आरोप लगाया कि आधिकारिक रिकॉर्ड में मृत मतदाताओं को जीवित दिखाने की कोशिश की जा रही है. भाजपा नेता ने चेतावनी दी कि अगर सत्यापन प्रक्रिया में जालसाजी का पता चला, तो उनकी पार्टी कड़ी कार्रवाई की मांग करेगी. उन्होंने सीईओ से यह भी मांग की कि सभी बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की सूची उनके पदनामों सहित 24 घंटे के भीतर वेबसाइट पर प्रकाशित की जाये और आधार से जुड़े दस्तावेजों के इस्तेमाल पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जाये.शुभेंदु ने आरोप लगाया कि कई जिलों में मध्याह्न भोजन रसोइयों को बीएलओ के रूप में नियुक्त किया गया है, जो निर्वाचन कार्य के लिए उपयुक्त नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और कूचबिहार जिलों से मिली हैं.
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