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Kolkata Doctor Murder: अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कॉल डिटेल्स और चैट की जानकारी जुटा रही CBI

सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से लगातार तीसरे दिन पूछताछ की. पिछले दो दिनों से सीबीआई ने संदीप घोष से घंटों पूछताछ की है.

Kolkata Doctor Murder Case : कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच में CBI जुटा हुआ है. इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल डॉ संदीप घोष इस मामले में रविवार लगातार तीसरे दिन भी सीबीआई के सामने पेश हुए. उन्हें सीबीआइ ने रविवार को सुबह 11 बजे सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में हाजिर होने को कहा गया था. हालांकि. वह इसके पहले ही यानी रविवार की सुबह करीब 10.40 बजे सीबीआई कार्यालय पहुंचे. उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. वह अपने साथ कुछ दस्तावेज भी लाये थे.

फोन के कॉल डिटेल्स और चैट की जानकारियां जुटाने की प्रक्रिया शुरू

मामले की जांच के तहत CBI के अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल घोष के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स व चैट की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, घोष के मोबाइल फोन की जांच के लिए उसे फोरेंसिक विभाग को भेजा गया है, ताकि डिलिट किये गये चैट, कॉल रिकॉर्डिंग व अन्य तथ्यों का पता चल सके. साथ ही अधिकारी घोष के मोबाइल फोन की ‘कॉल डिटेल’ और डेटा उपयोग की जानकारियां प्राप्त करने के लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदाता से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं.

घटना से एक दिन पहले किससे बात की थी प्रिंसिपल ने

CBI के अधिकारी यह भी जानना चाहते हैं कि जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना के पहले व बाद में घोष की फोन पर किससे बात हुई थी. घटना के बाद उन्होंने किसके साथ बैठक की थी.

कई सवालों का जवाब जानना चाहती है सीबीआई

CBI के अधिकारी मामले की जांच के तहत घोष से कई सवालों का जवाब जानना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार, CBI के अधिकारियों ने उनसे यह जानने की कोशिश की कि जूनियर महिला चिकित्सक की मौत की सूचना मिलने के बाद उन्होंने क्या किया था? उन्होंने किससे-किससे संपर्क किया? महिला चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया कि उन्होंने परिवार को सूचित करने का निर्देश किसे दिया था और कैसे और किसने पुलिस से संपर्क किया था. मृतका के परिजनों को कथित तौर पर किसने जूनियर महिला चिकित्सक की आत्महत्या करने की बात बतायी थी. मृतका के माता-पिता को लगभग तीन घंटे तक कथित इंतजार क्यों करवाया गया था? चिकित्सक की मौत की घटना सामने आने के बाद भी अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग में सेमिनार हॉल के पास के कमरों के जीर्णोद्धार का आदेश क्यों दिया था? क्या इसके पीछे किसी की साजिश थी या अपराध छिपाने की कोशिश की गयी थी?

घटना के पीछे हो सकती है कोई साजिश

घोष से पीड़िता के साप्ताहिक ‘रोस्टर’ के बारे में भी पूछा गया, जिसके अनुसार पीड़िता चिकित्सक की अस्पताल में 36 घंटे या कभी-कभी 48 घंटे तक की ड्यूटी लगायी गयी थी. CBI ने सवालों के जवाब से हत्या के मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है. अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी या पहले से इसकी योजना बनायी गयी थी.

क्या प्रिंसिपल भी हत्या में किसी रूप से जुड़े हुए हैं ?

CBI यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या पूर्व प्रिंसिपल भी चिकित्सक की मौत में किसी रूप से जुड़े हुए हैं? क्या उनका भी इस हत्या में कोई भूमिका है? सूत्रों की मानें, तो पूर्व प्रिंसिपल घोष के जवाब में अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए उनसे बार-बार पूछताछ की जा रही है. सीबीआइ जांच में मिले तथ्यों को लेकर भी उनसे कई सवालों का जवाब जानना चाह रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा पूछे गये सवालों में घोष के कुछ जवाब घुमावदार थे. सीबीआइ के अनुसार, घोष के जवाबों का मिलान वारदात की रात को चेस्ट मेडिसिन विभाग में ड्यूटी पर मौजूद अन्य चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं के बयानों से किया जायेगा.

घटना के बाद से जांच के रडार पर हैं पूर्व प्रिंसिपल

आरजी कर अस्पताल की जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद से ही संदीप घोष का नाम सामने आ रहा है. घटना के बाद से ही प्रदर्शनकारी जूनियर चिकित्सकों ओर से आशंका जतायी गयी है कि घोष काफी प्रभावशाली हैं और वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं. उनके इस्तीफे की मांग भी की जाने लगी. पिछले सोमवार को मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के दबाव में घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद से अपना इस्तीफा राज्य स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था.

पद से हटने के बाद कुछ ही घंटो में बनाया गया दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल

हालांकि, कुछ घंटों बाद ही उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया, लेकिन वहां भी उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इसके बाद कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर घोष अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर चले गये. इसके बाद पिछले शुक्रवार को CBI के अधिकारी घोष को अपने वाहन में बैठा कर साॅल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय ले गये थे, जब वह कलकत्ता हाइकोर्ट से लौट रहे थे. उनसे शुक्रवार की देर रात तक पूछताछ हुई, जिसके बाद वह सीजीओ कॉम्प्लेक्स के पिछले गेट से बाहर निकले. शनिवार को भी उनसे करीब 13 घंटे तक CBI कार्यालय में पूछताछ की गयी थी.

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