शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक
बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
संवाददाता, कोलकाता.
अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले, भारतीय निर्वाचन आयोग ने बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) लागू करने की घोषणा कर दी है. जानकारी के अनुसार, आगामी चार नवंबर से बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाता सूची के नामों का सत्यापन करेंगे. इस अभियान के दौरान बीएलओ के साथ विभिन्न पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट भी साथ रहेंगे. इसलिए प्रदेश भाजपा ने एसआइआर प्रक्रिया को यहां सही प्रकार से लागू करने के लिए बीएलओ के साथ अपने बीएलए भी भेजना चाहती है. इसलिए पार्टी ने इसे लेकर सभी जिलों के पार्टी पदाधिकारियों से उनके क्षेत्र के बीएलए की संख्या पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इसे लेकर शुक्रवार को सॉल्टलेक स्थित पार्टी कार्यालय में केंद्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं ने आपस में बैठक की. बताया गया है कि इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए और बीएलए की नियुक्ति पर रिपोर्ट मांगी.
बताया गया है कि चुनाव आयोग के नये नियम के बाद राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ गयी है. यहां 14,000 नये पोलिंग बूथ बनाये जा रहे हैं, जिससे पोलिंग स्टेशनों की संख्या मौजूदा 80,000 से बढ़ाकर लगभग 94,000 तक हो जायेगी.
यह कदम प्रदेश भाजपा के लिए भी काफी चुनौती वाला है, जिसे बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की कमी का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एसआइआर प्रक्रिया के दौरान भाजपा अधिक से अधिक बूथों को कवर करने की योजना बना रही है और इसके लिए पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया है.
2024 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा पश्चिम बंगाल के मौजूदा 80,681 बूथों में से लगभग 50,000-55,000 पर पोलिंग एजेंट तैनात कर पायी थी. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा यह संख्या और भी बढ़ाना चाहती है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, एसआइआर प्रक्रिया के दौरान बीएलए की संख्या ज़्यादा होगी और पार्टी “ज़्यादा से ज़्यादा बूथों ” को कवर करेगी.
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