गोल्ड लोन के बदले शहर के एक बैंक में रखे गहनों की हुई चोरी
दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर स्थित एक सरकारी बैंक की घटना
संवाददाता, कोलकातादक्षिण कोलकाता के भवानीपुर स्थित एक सरकारी बैंक में गोल्ड लोन के लिए गिरवी रखे गये करोड़ों रुपये के आभूषण रहस्यमय तरीके से लॉकर से गायब हो गये. इस सनसनीखेज घोटाले में बैंक के तीन पूर्व अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिये आभूषण चोरी करने का आरोप लगा है. पुलिस ने मामले में पूर्व कैशियर अर्नब विश्वास को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बैंक के पूर्व मैनेजर और डिप्टी मैनेजर फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है. पीड़ित प्रोफेसर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने एक करोड़ रुपये मूल्य के सोने और हीरे के आभूषण बैंक में गिरवी रखकर 75 लाख रुपये का लोन लिया था और फिर विदेश चले गये.विदेश में रहते हुए उन्होंने लोन की पूरी राशि चुका दी थी और बैंक को सूचित किया था कि वह लौटने के बाद आभूषण वापस लेंगे. बैंक ने उन्हें भरोसा भी दिलाया था. लेकिन जब वह कुछ महीने बाद कोलकाता लौटे और बैंक पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि किसी ने उनके जाली हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर उनके सारे गहने निकाल लिये हैं. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि बैंक के पूर्व मैनेजर, डिप्टी मैनेजर और कैशियर ने मिलकर षड्यंत्र रचा. उन्होंने प्रोफेसर के फर्जी दस्तावेज तैयार किये और लॉकर से एक करोड़ रुपये के जेवरात निकाल लिये. बाद में गहनों को बेचकर पैसे आपस में बांट लिये. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता पुलिस की लालबाजार टीम ने जांच की कमान संभाली और सीसीटीवी फुटेज व दस्तावेजों की जांच के बाद कैशियर अर्नब विश्वास को गिरफ्तार कर लिया. उससे पूछताछ के आधार पर दो अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है, जो फिलहाल फरार हैं. पुलिस का कहना है कि जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा और बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा को लेकर भी गहन जांच की जा रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

