सीआइआइ पश्चिम बंगाल की ओर से रेल सिनर्जी शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन कोलकाता. कोलकाता में सीआइआइ पश्चिम बंगाल की ओर से आयोजित रेल सिनर्जी शिखर सम्मेलन 2025 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के अध्यक्ष रथींद्र रमन ने कहा कि आंतरिक क्षेत्र तक निर्बाध माल परिवहन सुनिश्चित करने के लिए रेलवे और बंदरगाह के बीच समन्वित तालमेल की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष एसएमपी बंदरगाह द्वारा 65 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो का संचालन किया गया था, जिसमें से 35 मिलियन मीट्रिक टन रेलवे द्वारा वितरित किया गया. भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सरकारी ई-मार्केटप्लेस के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मुख्य विक्रेता अधिकारी अजीत बी चव्हाण ने जीइएम, रेलवे और एमएसएमइ क्षेत्र के बीच कुशल तालमेल की वकालत की. आंकड़ों का हवाला देते हुए, उन्होंने बताया कि जेम पोर्टल के माध्यम से व्यावसायिक कार्यकलाप करने वालों की संख्या में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है. 2025 में अभी तक जेम पोर्टल के माध्यम से 5.4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है. जो 2016 में मात्र 420 करोड़ रुपये का ही था. इस बढ़ोतरी में 37 प्रतिशत योगदान सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय का है. पश्चिम बंगाल देश में एमएसएमइ का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र है. इस बात पर जोर देते हुए, श्री चव्हाण ने बताया कि राज्य के केवल 18,000 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय ही वर्तमान में जेम पोर्टल पर व्यावसायिक गतिविधियों में योगदान दे रहे हैं. टेक्समैको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के मुख्य व्यवसाय अधिकारी – जीएसएस कुंतल दासगुप्ता ने बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के महत्व पर जोर दिया, जिसमें उन्होंने लाइन विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा स्टेशनों के विकास, एआई के एकीकरण और रीयल-टाइम संचालन के कार्यान्वयन सहित प्रमुख पहलों के बारे में विस्तार से चर्चा की. ब्रेथवेट एंड कंपनी के प्रबंध निदेशक, मोहम्मद असद आलम ने बताया कि भारत के 30 वैगन निर्माताओं में से 8 पश्चिम बंगाल में हैं. उन्होंने कहा कि राज्य रोलिंग स्टॉक क्षेत्र का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है और इस क्षेत्र में सहायक उद्योगों का विकास कर रहा है. बीजीएस समूह के निदेशक देबाशीष दत्ता ने बताया कि रेलवे क्षेत्र से 12.5 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. उन्होंने एआई ऑटोमेशन और डिजिटल प्रणालियों के साथ प्रौद्योगिकी की शक्ति को अपनाने की वकालत की, जिससे रेलवे को अधिक अत्याधुनिक और हरित संरक्षण करने वाला बनाया जा सकता है. जुपिटर वैगंस के प्रबंध निदेशक, विवेक लोहिया ने अपना वक्तव्य रखा. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम व्यवसायी और महानगर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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