कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में चार नवंबर से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) शुरू हो गया है. इसकी वजह से जिलों के डीएम से लेकर अन्य प्रशासनिक अधिकारी इस कार्य में जुट गये हैं. इसी बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया में उनकी भागीदारी के बावजूद राज्य के विकास कार्यों की प्रगति पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए. राज्य सरकार को आशंका है कि एसआइआर प्रक्रिया में उनकी भागीदारी के कारण विकास परियोजनाओं की नियमित निगरानी प्रभावित हो सकती है. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव मनोज पंत के कार्यालय से जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे अपने चुनावी दायित्वों और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाये रखें.राज्य सरकार चाहती है कि चुनावी कार्यों के साथ-साथ राज्य की जनकल्याण और अवसंरचनात्मक योजनाओं की गति बनी रहे, ताकि जमीनी स्तर पर विकास कार्यों में कोई रुकावट न आये. सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में सभी जिलों को लिखित रूप में निर्देश भेजे गये हैं, जिसमें कहा गया है कि एसआइआर की समयबद्धता और विकास कार्यों की निगरानी, दोनों को समान प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
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