कोलकाता. पश्चिम बंगाल के ऐसे शिक्षक उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार अगले वर्ष 31 अगस्त तक अपनी सेवाओं में बने रहेंगे, जिनकी स्कूल भर्ती घोटाले में प्रत्यक्ष संलिप्तता साबित नहीं हुई थी. राज्य के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को इस आशय की जानकारी दी है. उच्चतम न्यायालय ने 2016 की राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पायीं और तीन अप्रैल को पूरी भर्ती को रद्द कर दिया, जिसके चलते राज्य द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के कुल 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. बाद में उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को नये सिरे से भर्ती की व्यवस्था करने और इस प्रक्रिया को इस वर्ष 31 दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया. उस दिन तक 15,403 बेदाग शिक्षकों को काम करने की अनुमति दी गयी थी. शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और बोर्ड सचिव सुब्रत घोष ने उच्चतम न्यायालय के गुरुवार के फैसले का स्वागत किया है.
जिसमें नयी भर्ती प्रक्रिया को 31 अगस्त तक पूरा करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी गयी है. घोष ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि बोर्ड द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर आवेदन 18 दिसंबर को स्वीकार कर लिया गया. एसएलएसटी 2016 के वे शिक्षक जिन पर कोई विशेष आरोप नहीं है, 31 अगस्त तक अपने पद पर बने रहेंगे. यह पश्चिम बंगाल के छात्रों और शिक्षा प्रणाली के हित में लिया गया एक दूरदर्शी निर्णय है.’’
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