बांग्लादेशियों के पलायन पर तंज. गड्ढे में कार्बोलिक एसिड डालते हैं, तो सांप खुद बाहर निकलता है
हल्दिया. राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया शुरू होते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. रविवार को नंदीग्राम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि एसआइआर प्रक्रिया से तृणमूल कांग्रेस घबरा गयी है, क्योंकि इससे राज्य में वास्तविक मतदाताओं की स्थिति उजागर होगी. अगर यहां एसआइआर का 50 प्रतिशत भी सफल हो गया, तो तृणमूल आगामी विधानसभा चुनाव हार जायेगी. तृणमूल को डर है कि मतदाता सूची से अवैध और बांग्लादेशियों का नाम हटते ही बूथ पर फर्जी मतदान संभव नहीं रहेगा. यही वजह है कि वे इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल ने वर्षों से फर्जी मतदाताओं के सहारे बूथों-बूथों पर कब्जा जमाया है और अब एसआइआर ने उनकी जड़ हिला दी है. तृणमूल पर भ्रष्टाचार व डर फैलाने का लगाया आरोप : भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि तृणमूल एसआइआर का विरोध केवल इसलिए कर रही है, क्योंकि यह उनके वोट बैंक पर प्रहार है. सत्तारूढ़ पार्टी के पास विकास का कोई मुद्दा नहीं बचा. अब वे धर्म और भय की राजनीति कर रही हैं. जिन मुस्लिम इलाकों में उनका प्रभाव है, वहां अधिकारियों पर दबाव डाल कर फर्जी नामों को बनाये रखने की कोशिश हो रही है. उन्होंने दावा किया कि नंदीग्राम की 30 सहकारिता समितियों के चुनाव में भाजपा ने 26 सीटें जीती हैं और यह जनमत स्पष्ट संकेत है कि लोग तृणमूल से घृणा करते हैं.
भाजपा कार्यक्रमों पर रोक लगाने का आरोप : अधिकारी ने राज्य प्रशासन पर भाजपा के कार्यक्रमों को रोकने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चार नवंबर को पानीहाटी में मेरी सभा रद्द कर दी गयी.
बुधवार को बर्दवान की रैली की अनुमति नहीं दी गयी. तृणमूल लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है, लेकिन हम हर मामले में हाइकोर्ट जायेंगे. उन्होंने बताया कि सोमवार को काकद्वीप में भाजपा की बड़ी रैली होगी, जिसके लिए कलकत्ता हाइकोर्ट ने छह हजार लोगों की अनुमति दी है. मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने तक तृणमूल प्रशासनिक शक्ति का दुरुपयोग करती रहेगी, लेकिन हम (भाजपा) कानूनी रास्ते से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
भारत में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को दी चेतावनी
अधिकारी ने बांग्लादेशियों के पलायन पर भी तंज कसा और कहा कि एसआइआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से सीमावर्ती इलाकों में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों में भय का माहौल है. जब गड्ढे में कार्बोलिक एसिड डालते हैं, तो सांप खुद बाहर निकलता है. वैसे ही एसआइआर शुरू होते ही, जो लोग वर्षों से अवैध रूप से रह रहे थे, वे अब खुद भागने लगे हैं, अधिकारी ने चेतावनी दी कि जो अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं, वे चार नवंबर यानी कल से पहले वापस बांग्लादेश लौट जायें. उसके बाद एसआइआर फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिनके फॉर्म अस्वीकार होंगे. उनकी रिपोर्ट बीएसएफ को भेजी जायेगी. उन्हें घुसपैठिया घोषित कर कार्रवाई की जायेगी.
हिंदू शरणार्थियों को दिया भरोसा
शुभेंदु अधिकारी ने स्पष्ट किया कि हिंदू शरणार्थियों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा : जो हिंदू नागरिक बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान से आये हैं, वे सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के तहत आवेदन करें. भाजपा उनकी पूरी मदद करेगी. मुख्यमंत्री उन्हें डराने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन भाजपा उनके साथ खड़ी है.
अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह प्रशासन का इस्तेमाल भाजपा समर्थकों को डराने के लिए कर रही हैं. साथ ही कहा : नंदीग्राम में मेरे और भाजपा समर्थकों पर झूठे मामले दर्ज किये जा रहे हैं. प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है. मुख्यमंत्री बनर्जी नहीं चाहतीं कि कोई विरोध की आवाज उठे.
बीएलओ व वीएलओ पर पक्षपात के आरोप
अधिकारी ने कहा कि कई बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) व वेरिफिकेशन लेवल ऑफिसर (वीएलओ) तृणमूल समर्थक हैं. हमने चुनाव आयोग को इस बारे में रिपोर्ट भेजी है. कुछ ने इस्तीफा दिया है. आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई राजनीतिक व्यक्ति एसआइआर प्रक्रिया में शामिल न हो. बिहार में इस तरह के मामलों में एफआइआर दर्ज हुई थी, बंगाल में भी हो सकती है,
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

