संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल में हाथियों के हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे कई लोगों की जान जा चुकी है. इस समस्या पर राज्य की वन मंत्री वीरबाहा हांसदा ने विधानसभा में चिंता जतायी और चेतावनी दी कि जंगलों में इंसानों की दखलअंदाजी ही इस समस्या की जड़ है. उन्होंने कहा कि जब तक लोग वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को नुकसान पहुंचाते रहेंगे, तब तक ऐसी घटनाओं को रोक पाना मुश्किल होगा.
बुधवार को विधानसभा में वीरबाहा हांसदा ने कहा कि इंसान ही वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को नष्ट कर रहा है. जंगलों से उनके भोजन को बाजार में बेचा जा रहा है, जिससे वे खाने की तलाश में गांवों और शहरों की ओर आ रहे हैं. उन्होंने सभी को सतर्क रहने और वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक होने की सलाह दी.
वन मंत्री ने कहा कि जब तक हाथियों को जंगल में शांतिपूर्वक रहने नहीं दिया जायेगा, तब तक वे बस्तियों में आते रहेंगे. उन्होंने विधायकों से भी अपील की कि वे इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करें और जंगलों में इंसानी हस्तक्षेप को रोकने के प्रयास करें.
राज्य में हर साल हाथियों के हमलों में कई लोगों की जान जाती है. इस साल जनवरी में ओडिशा से एक हाथियों का झुंड पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बेलदा रेंज में घुस आया था. इस दौरान 65 वर्षीय वृद्ध रामू मुर्मू की एक हाथी ने सूंड से पटक कर जान ले ली थी. इसी तरह, पिछले साल दिसंबर में झाड़ग्राम में भी ऐसी ही घटना हुई थी, जिसमें स्थानीय निवासी बादल मुर्मू की हाथी के हमले में मौत हो गयी थी.
वन विभाग की ओर से लगातार ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है और हाथियों को आबादी वाले इलाकों में आने से रोकने के लिए कई उपाय किये जाते हैं.
लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाओं में कमी नहीं आ रही. इस स्थिति को देखते हुए अब वन मंत्री ने सीधे तौर पर लोगों से जागरूक होने और जंगलों में अनावश्यक हस्तक्षेप न करने की अपील की है.
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