संदेशखाली में नेता प्रतिपक्ष ने की लोगों से अपील, भाजपा के पीड़ित परिवारों को दिया भरोसा बशीरहाट. हिंदुओं को एकजुट होना होगा, नहीं तो बच नहीं पायेंगे. यह कहना है राज्य विधानसभा में विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी का. रविवार को संदेशखाली के कानमारी भारत सेवाश्रम मैदान में हिंदू अधिकार रक्षा की लड़ाई में आत्म बलिदान देनेवालों के प्रति आयोजित श्रद्धांजलि सभा में विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की सत्तारूढ़ दल पर जमकर हमला बोला. उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य के हिंदुओं से कहूंगा कि वे एकजुट हो जायें, नहीं तो बच नहीं पायेंगे. बांग्लादेश में हर दिन हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, अगर आपका कोई रिश्तेदार है, तो उनसे पूछिए. उन्होंने कहा कि बंगाल में तृणमूल हिंदुओं पर अत्याचार कर रही है. रात के अंधेरे में हिंदुओं के खून की बलि दी जा रही है. ये हमलावर नहीं बदलेंगे, क्योंकि ममता बनर्जी का हाथ उनके सिर पर है, इसलिए वे बेपरवाह हैं. उन्होंने कहा कि आप कल्पना नहीं कर सकते कि ममता बनर्जी की तुष्टीकरण की राजनीति कहां चली गयी है, राज्य सरकार ने 180 समुदायों को ओबीसी बनाने का फैसला किया है, उनमें से 119 मुस्लिम समुदाय हैं. उन्होंने कहा कि भारत में कहीं भी ओबीसी ए और ओबीसी बी नहीं है. उन्होंने कहा कि संदेशखाली ने भाजपा को 7000 वोटों की बढ़त दिलायी है. उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में तृणमूल को उखाड़ फेंकना होगा. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में हरगोबिंद दास और उनके बेटे की हत्या कर दी गयी. वह अदालत के आदेश के साथ वहां गये थे. उन्होंने कहा कि धर्म देखकर किसी की हत्या होते नहीं देखा था. उन्होंने कहा कि बितान अधिकारी की पत्नी कहती हैं कि बितान को कलमा नहीं आता था, इसलिए उसे आतंकियों ने मार डाला. भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब देते हुए बदला लिया. उग्रवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया. श्री अधिकारी ने कहा कि जमाई षष्ठी के दिन शाहजहां के लोगों ने यहां सुकांत मंडल की बेरहमी से हत्या कर दी थी. उन्होंने पिछले साल इस मामले को उठाया था, फिर देखा कि ममता की पुलिस ने आरोपियों के नाम चार्जशीट से हटा दिया. उन्हें अपहरण मामले से मुक्त कर दिया, लेकिन वह कानूनी सहायता प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि वह कलकत्ता हाइकोर्ट जायेंगे और इस मामले को फिर से उठायेंगे. श्री अधिकारी ने कहा कि संदेशखाली में शाहजहां की दादागीरी अतीत की बात है और अतीत ही रहेगी.
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