कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने शहर में आवारा कुत्तों के टीकाकरण और नसबंदी की मांग करने वाली याचिका पर राज्य से जवाब मांगा है. जनहित याचिका में सामूहिक टीकाकरण और नसबंदी कार्यक्रमों के माध्यम से आवारा कुत्तों के हमलों को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की गयी है. यह निर्देश अधिवक्ता आकाश शर्मा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर दिया गया. जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस स्मिता दास डे की खंडपीठ ने संबंधित नगर निगमों से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है. याचिका में कुत्ते के काटने के मामलों और रेबीज से संबंधित मौतों में खतरनाक वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है, जैसा कि केंद्र सरकार की पीआईबी रिपोर्ट द्वारा रिपोर्ट किया गया है, जो न्यायिक निरीक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है. याचिका के अनुसार, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक अप्रैल, 2025 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत ने 2024 में कुत्ते के काटने के 37,15,713 मामले दर्ज किये, जिसमें अकेले जनवरी 2025 में 4,29,664 मामले दर्ज किये गये. संदिग्ध मानव रेबीज से होनेवाली मौतें 54 में 2024 और जनवरी 2025 में एक थी. यह कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में, 2024 में कुत्ते के काटने के 76,486 मामले और जनवरी 2025 में 10,264 मामले सामने आये, जिसमें 2024 में रेबीज से एक संदिग्ध मौत हुई. जनहित याचिका में राष्ट्रव्यापी एंटी-रेबीज टीकाकरण अभियान, पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम, जन जागरूकता अभियान और सुरक्षित समुदायों और आवारा जानवरों के मानवीय उपचार को सुनिश्चित करने के लिए पशु कल्याण कानूनों के सख्त प्रवर्तन की मांग की गयी है. मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी.
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