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खिलौनों पर बढ़ायी जा सकती है जीएसटी

केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी के दरों में बदलाव किया जायेगा. जिससे आम आदमी पर कर का बोझ कम होने की बात कही गयी है.

भारतीय खिलौना संघ ने राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य से हस्तक्षेप की मांग की

संवाददाता, कोलकाताकेंद्र सरकार की ओर से जीएसटी के दरों में बदलाव किया जायेगा. जिससे आम आदमी पर कर का बोझ कम होने की बात कही गयी है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी सुधारों की घोषणा की थी. वहीं, जानकारी मिली है कि खिलौनों पर कर स्लैब बदलकर 18 प्रतिशत जीएसटी हो सकता है, जो वर्तमान में बिना बैटरी वाले खिलौनों के लिए 12 प्रतिशत और बैटरी से चलने वाले खिलौनों के लिए 18 प्रतिशत है. इसे लेकर भारत खिलौना संघ के अध्यक्ष अक्षय बिंजराजका ने गहरी चिंता व्यक्त की. हालांकि इस पर निर्णय अधीनस्थ परिषद को लेना है, लेकिन जीएसटी बढ़ने की संभावनाओं पर श्री बिंजराजका ने कहा कि यह उद्योग के लिए एक बड़ी समस्या होगी. उन्होंने कहा कि भारतीय खिलौना उद्योग अभी भी गुणवत्तापूर्ण और किफायती खिलौने बनाने की वैश्विक दौड़ में शामिल होने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने पूरे भारत में विभिन्न स्तर के व्यापारियों के लिए उपलब्ध स्टॉक पर भी अपनी चिंता व्यक्त की. श्री बिंजराजका ने बुधवार को राज्य की वित्त मंत्री श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य से मुलाकात की और अगली जीएसटी परिषद की बैठक में खिलौना उद्योग के मुद्दे को उठाने का अनुरोध किया. बिंजराजका ने कहा कि बच्चों के विकास के लिए खिलौनों को आवश्यक वस्तु मानने तथा सभी प्रकार के खिलौनों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव रखा जाये, जिससे कुल लागत कम हो जायेगी. उन्होंने जीएसटी कर स्लैब पर उद्योग की आवश्यकता को स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करने के लिए समय मांगा है.

आइसीइए ने एसी व टीवी पर से जीएसटी कटौती की मांग की :

मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों के शीर्ष संगठन-इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आइसीएइ) ने एयर कंडीशनर और टेलीविजन पर तत्काल जीएसटी कटौती की अपील की है. आइसीएइ ने इस पर मौजूदा 28 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत करने का आग्रह किया है. इस संबंध में आइसीएइ के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रु ने कहा कि घरेलू मांग और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए इन श्रेणियों में जीएसटी करेक्शन जरूरी है. यह मांग ऐसे समय में की गयी है जब जीएसटी के टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव पर काम हो रहा है. आइसीएइ ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि एसी और टेलीविजन को आम आदमी की वस्तुओं के रूप में माना जाये. यह अब लग्जरी सामान नहीं हैं. ऐसे आइटम को उच्चतम जीएसटी स्लैब में रखना असंगत और प्रतिकूल है. एयर कंडीशनर को लेकर आइसीएइ ने कहा कि भारत में इसकी पहुंच बमुश्किल आठ प्रतिशत है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे कम है. इसके बावजूद एसी पर 28 प्रतिशत जीएसटी लग रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 8-15 प्रतिशत की दर से कहीं ज्यादा है. इससे एसी 8-10 प्रतिशत महंगे हो सकते हैं, जिससे लोगों के लिए खरीदना मुश्किल हो जायेगा. जीएसटी को 18 प्रतिशत करने से घरेलू मांग बढ़ेगी और भारत वैश्विक निर्यात के लिए एक प्रतिस्पर्धी केंद्र के रूप में स्थापित होगा.

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