कल्याणी. बड़ी होकर शिक्षिका बनने का सपना संजोने और इसके लिए लगातार पढ़ाई करनेवाली नदिया जिले की प्रेयशी घोष अब निराश हैं. स्नातक की डिग्री के साथ बीएड पूरा करने और वर्तमान में डीएलएड पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने के बावजूद उन्हें अब शिक्षक बनने की उम्मीद नहीं है. इसी निराशा के चलते प्रेयशी घोष ने फुचका बेचने का फैसला किया है. शिक्षक भर्ती परीक्षाएं लगातार रद्द हो रही हैं. हाल ही में 25,753 शिक्षकों की नौकरियां भी रद्द कर दी गयीं. इन परिस्थितियों ने प्रेयशी घोष को अपना भविष्य अंधकारमय लगने लगा. इसी कारण उन्होंने पहले ही एक छोटा-सा फुचका का स्टॉल खोल लिया है. प्रेयशी नदिया जिले के राणाघाट के शालबागान इलाके में अपने चाचा के घर पर पली-बढ़ीं. तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अभी भी डीएलएड कर रही हैं. उन्होंने बताया कि आठवीं कक्षा तक उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी उनके मामा ने उठायी. उसके बाद उन्होंने खुद ही अपनी पढ़ाई का खर्च वहन किया. बच्चों को नृत्य सिखाकर भी पैसे कमाये. कॉलेज से संस्कृत में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने 2018-2019 में बीएड भी पास किया. अब नृत्य सिखाने से होनेवाली आय से परिवार का गुजारा मुश्किल होने के कारण उन्होंने बाजार में एक फुचका का स्टॉल लगाया है. दुकान का नाम रखा है- बीएड फुचका दीदी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है