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शिक्षकों पर हमले के बाद अभिजीत गांगुली ने शिक्षा मंत्री से मिलने का कार्यक्रम किया रद्द

पूर्व जस्टिस ने एसएससी के चेयरमैन से की मुलाकात

पूर्व जस्टिस ने एसएससी के चेयरमैन से की मुलाकात

कोलकाता. पूर्व जस्टिस व वर्तमान में तमलुक से भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली ने बुधवार को राज्य में स्कूल नौकरी संकट पर पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के साथ अपनी निर्धारित बैठक रद्द कर दी. उन्होंने इसके लिए प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि वह एसएससी कार्यालय में थे, उसी दौरान उन्हें पता चला कि कसबा में शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. इस घटना के विरोध में उन्होंने शिक्षा मंत्री के साथ मिलने का कार्यक्रम रद्द कर दिया और शिक्षा मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गये पत्र को भी फाड़ दिया.गौरतलब है कि श्री गांगुली कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे, लेकिन वह अब राजनीति में आ गये हैं.भाजपा सांसद ने शिक्षा विभाग मुख्यालय विकास भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘योग्य शिक्षकों पर हुए क्रूर लाठीचार्ज के विरोध में मैंने शिक्षा मंत्री के साथ अपनी मुलाकात रद्द कर दी है. सरकार योग्य अभ्यर्थियों की सुरक्षा करने में विफल रही है. मुझे मंत्री को एक पत्र सौंपना था, लेकिन मैंने विरोध में उसे फाड़ दिया.’जस्टिस गांगुली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित एक पत्र बसु को सौंपने वाले थे, जिसमें एक ऐसी समिति गठित करने का पूर्व न्यायाधीश का सुझाव था, जो पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बेरोजगार हुए ‘योग्य शिक्षकों’ की नौकरियों को बचाने के लिए एक व्यवस्था (उपाय) खोजने में मदद करेगी. उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2024 के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती अभियान के माध्यम से नियुक्त 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘दूषित और दागी’ करार दिया था.इसके फलस्वरूप बेरोजगार हुए लोगों ने दावा किया कि उनकी दुर्दशा का कारण एसएससी की उन उम्मीदवारों के बीच अंतर करने में असमर्थता थी, जिन्होंने धोखाधड़ी के माध्यम से रोजगार हासिल किया और जिन्होंने ऐसा नहीं किया. श्री गांगुली ने कहा कि जब हम एसएससी अध्यक्ष के साथ बैठक कर रहे थे, तो मारपीट करने वाले शिक्षकों के फोन आए. जब राज्य सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार कर रही है.

, तो शांतिपूर्ण योजना पर चर्चा कैसे हो सकती है?’’

अभिजीत गांगुली ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटालों के मुद्दे पर ईमानदारी से बात करने से बच रही है. उन्होंने कहा कि नौकरी गंवा चुके सैकड़ों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकार इससे मुंह मोड़ रही है. इसके अलावा उन्होंने कसबा में शिक्षकों पर लाठीचार्ज की भी कड़ी निंदा की.

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