गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार, फर्जी पहचान पत्र व नीली बत्ती वाली कार जब्त कोलकाता. इंटाली थाने की पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के पास से फर्जी पुलिस अधिकारी गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के प्रमुख सौनक चक्रवर्ती, जो दमदम इलाके का निवासी है, ने खुद को एसीपी बताया. उसके साथी कभी सीबीआइ अफसर, कभी दिल्ली पुलिस अधिकारी और कभी आयकर अधिकारी होने का दावा करते थे. गिरफ्तार किये गये अन्य सदस्यों में रकीबुल रहमान (पोलेरहाट, भांगड़), विकास कुमार ठाकुर, सतीश कुमार और विकास कुमार गुप्ता (बिहार के वैशाली और आरा जिले के निवासी) शामिल हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी पुलिस पहचान पत्र, फर्जी प्रेस कार्ड और नीली बत्ती वाली कार जब्त की है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, बुधवार शाम को सौनक नीली बत्ती वाली कार लेकर मौलाली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में घुस गया और खुद को सीबीआइ अधिकारी बताया. उसके साथियों ने भी खुद को दिल्ली पुलिस, सीबीआइ और आयकर अधिकारी बताना शुरू कर दिया. कार में एक बुजुर्ग महिला भी थीं, जिसे सौनक ने अपनी मां बताया. एआइसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल के शहर आगमन से पहले आरोपियों की इस हरकत से कार्यकर्ताओं में थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गयी. आरोपियों के शौचालय की तलाश करने के दौरान कार्यकर्ताओं को शक हुआ और इंटाली थाने की पुलिस को सूचना दी गयी. पुलिस पहुंची तो आरोपियों ने फर्जी पहचान पत्र दिखाये. एक आरोपी ने खुद को टीवी चैनल का पत्रकार भी बताया. पुलिस ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में पता चला कि सौनक ने एक गिरोह बनाया था, जिसमें चार अन्य सदस्य शामिल थे. गिरोह व्यवसायियों को धमकाकर उनसे पैसे वसूलता था. पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी अन्य जगहों पर इस तरह की ठगी कर चुके हैं या नहीं.
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