संवाददाता, कोलकातासाइबर ठग अब फर्जी ट्रैफिक चालान भेजकर लोगों से ठगी कर रहे हैं. पूजा के नजदीक इन दिनों व्हाट्सऐप और एसएमएस के जरिये गाड़ी नंबर व चालान नंबर भेजकर लोगों को ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जा रहा है. ऐप डाउनलोड करते ही मोबाइल का कंट्रोल ठगों के हाथ में चला जाता है और वे आसानी से ठगी को अंजाम दे रहे हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीसी ट्रैफिक ने दी जानकारी: मंगलवार को विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी ट्रैफिक नीमा नोरबू भुटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि साइबर क्राइम थाने में ऐसी शिकायतें आने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की गयी है. उन्होंने कहा कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे इस नये पैंतरे का शिकार न हों.कैसे करते हैं ठगी : भुटिया ने बताया कि ठग फर्जी चालान नंबर और गाड़ी नंबर के साथ डराने वाले मैसेज भेजते हैं—जैसे कि भुगतान न करने पर कार्रवाई होगी. साथ ही ऐप डाउनलोड करने का लिंक दिया जाता है. ऐप इंस्टॉल करते ही मोबाइल डेटा और कंट्रोल ठगों के पास चला जाता है.
पुलिस की कार्रवाई : फर्जी ऐप को जांच के लिए फॉरेंसिक विभाग भेजा गया है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह ऐप कहां से ऑपरेट हो रहा है और किन लोगों के हाथ में इसका कंट्रोल है. दुर्गा पूजा के दौरान लोगों को ऐसे साइबर अपराध से बचाने के लिए पुलिस पहले से ही चेतावनी दे रही है.ऐसे करें असली और फर्जी चालान की पहचान :
डीसी ने स्पष्ट किया कि असली सरकारी चालान में सिर्फ गाड़ी का नंबर, चालान नंबर और परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का लिंक रहता है, जिसे पहले वेरिफाई किया जा सकता है. किसी भी अनजान लिंक या ऐप पर क्लिक न करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

