मुख्यमंत्री ने विधानसभा में भाजपा को कहा चोरों का राजा
कोलकाता. राज्य विधानसभा गुरुवार को अभूतपूर्व हंगामे का गवाह रहा है. सीएम ममता बनर्जी के शासनकाल में सदन में पहली बार उन्हें इस तरह के विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा. बता दें कि कथित तौर पर भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी श्रमिकों पर तथाकथित हो रहे अत्याचार के विरोध में प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तीन दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया था, जो गुरुवार को संपन्न हुआ. इस दिन मुख्यमंत्री के जवाबी भाषण के दौरान विधानसभा में भारी हंगामा हुआ. भाजपा विधायकों ने हंगामा किया. इस दौरान भाजपा के पांच विधायकों को सस्पेंड भी कर दिया गया. वहीं, भाजपा के अन्य विधायकों ने सदन में कागज फाड़ कर फेंके. ऐसे स्थिति बन गयी कि मुख्यमंत्री अपनी बात भी नहीं रख पा रही थीं. पर सदन में भारी विरोध का सामना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा : मैं इसकी निंदा करती हूं. वे जान-बूझकर मेरी आवाज दबाने के लिए हंगामा कर रहे हैं, ताकि लोग मुझे सुन न सकें. उन्होंने कहा : मैं बोलूंगी, मेरी आवाज दबायी नहीं जा सकती. मुख्यमंत्री गुरुवार को सत्र के दूसरे भाग में बांग्ला और बांग्ला भाषियों के उत्पीड़न के विरोध में भाषण दे रही थीं. इससे पहले, विधायक अग्निमित्रा पॉल को बोलना था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने बांग्ला भाषियों पर हमले के बारे में बोलना शुरू ही किया था कि भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष नारे लगाने लगे. अध्यक्ष ने उन्हें कई बार चेतावनी देने के बाद निलंबित कर दिया, लेकिन शंकर घोष अपनी सीट पर अड़े रहे. मार्शल सहित विधानसभा के सुरक्षा गार्डों ने उन्हें हटाने की कोशिश की. इस पर धक्कामुक्की शुरू हो गयी.भारी तनाव के बीच ममता ने भाषण जारी रखा. सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा : आजादी के बाद, जिस पार्टी की देश को आजाद कराने में कोई भूमिका नहीं थी, वह आज देश की सबसे बड़ी लुटेरी पार्टी है. इसने लोगों को बांट दिया. उन्होंने भाजपा पर अंग्रेजों के साथ मिल कर देश को विभाजित करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भविष्य में भाजपा का कोई भी व्यक्ति निर्वाचित नहीं होगा. यह एक अत्याचारी पार्टी है.
सीएम ने कहा कि भविष्य में वह विपक्ष की कुर्सी पर भाजपा को नहीं देखना चाहतीं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि खाली सीट को तृणमूल भरेगी या अन्य. उनका इशारा साफ था कि विपक्ष की कुर्सी पर वह भाजपा के बजाय दूसरी किसी भी पार्टी को देखना चाहती हैं. पर भाजपा को नहीं. ममता ने कहा : भाजपा बांग्ला भाषियों पर अत्याचार कर रही है. जिन बांग्ला भाषियों ने आजादी दिलायी, उन्हें अपमानित किया जा रहा है. उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आप पैसा-हथियार देकर और चुनाव आयोग के जरिये चुनाव जीतते हैं. मुख्यमंत्री ने भाजपा को बांग्ला विरोधी करार दिया. उन्होंने भाजपा हटाओ, देश बचाओ का नारा भी दिया. उन्होंने इस दिन भाजपा में शामिल हुए दलबदलू विधायकों पर भी उंगली उठायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

