कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही राजनीतिक हिंसा और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनडब्ल्यूसी) ने चिंता जतायी है. सोमवार को आयोग की सदस्य डॉ अर्चना मजूमदार कूचबिहार जिले के दिनहाटा पहुंचीं और हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज दिनहाटा में मैं पीड़ित बंगाली राजबंशी महिलाओं से मिली. उनके घरों को पूरी तरह तोड़फोड़ दिया गया. यहां तक कि आठ माह की गर्भवती महिला को भी बेरहमी से पीटा गया.” डॉ मजूमदार ने सवाल उठाया, “क्या यह कानून का शासन है या शासकों का कानून? बंगाल खून से लथपथ है और सरकार खामोश है.” उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष, निर्वाचन आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को टैग करते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गयी है. राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है. उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में दिनहाटा में विपक्षी दल के समर्थकों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं, जिनके लिए तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाए जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

