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लोन दिलाने के नाम पर आपका एकाउंट खाली कर मालामाल हो रहे साइबर ठग

आपके बैंक अकाउंट की जानकारी लेकर आपको बेहद सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराने का लालच देकर इन दिनों साइबर ठग लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

मोटी रकम लोन स्वरूप दिलवा देने का प्रलोभन देकर एकाउंट की जानकारी लेकर करते हैं ठगी

बढ़ रहे इस तरह के मामलों के मद्देनजर लालबाजार ने किया लोगों को सतर्क

संवाददाता, कोलकाता.

आपके बैंक अकाउंट की जानकारी लेकर आपको बेहद सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराने का लालच देकर इन दिनों साइबर ठग लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. उन्हें लोन देने के बजाय उनके बैंक अकाउंट से खुद लोन उठा ले रहे हैं. इसके बाद इस राशि को हड़प कर खुद लाभ ले रहे हैं. महानगर में इस तरह से बढ़ते मामलों के बाद लालबाजार ने आम लोगों को सतर्क किया है. लालबाजार सूत्र बताते हैं कि अलग-अलग उम्र के लोग, खासकर गृहिणियां इस धोखाधड़ी की शिकार हो रही हैं. दक्षिण कोलकाता की एक महिला को कोलकाता पुलिस ने एक आपराधिक गिरोह में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. उसका नाम रीता वैद्य सेनगुप्ता है.

आरोप है कि उसके नाम पर फर्जी दस्तावेज जमा करके लोन देने वाली एक कंपनी से पांच लाख रुपये का लोन लिया गया. जब वह समय पर पैसा जमा नहीं कर पायी, तो रीता के खिलाफ कोलकाता पुलिस में मामला दर्ज कराया गया. शिकायत के आधार पर लालबाजार के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट की टीम ने उसे गिरफ्तार किया. पीड़िता ने दावा किया है कि इस बारे में वह कुछ नहीं जानती.

सिर्फ वही अकेली नहीं है. दक्षिण कोलकाता के बांसद्रोणी का एक युवक भी इसी तरह की साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुआ. उसका नाम इमरान अंसारी है. जालसाजों ने लोन दिलवाने के नाम पर उसके बैंक अकाउंट की जानकारी लेकर उससे मोटी रकम लोन ले लिया. इस तरह की शिकायत के आधार पर, दूसरे राज्य की पुलिस ने कोलकाता पुलिस के साथ इमरान के घर पर छापामारी की. उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, इमरान को इस बारे में कुछ भी पता नहीं है. दोनों ही घटनाओं में पुलिस मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ पायी. माना जा रहा है कि इसके पीछे कोई बड़ा मास्टरमाइंड है, जिसकी तलाश की जा रही है.

कैसे हो रही है धोखाधड़ी

पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला कि लोगों को फोन करके आसानी से लोन दिलाने का लालच दिया जा रहा है. रीता वैद्य सेनगुप्ता को भी ऐसा ही एक कॉल आया था. उसे भी आसानी से लोन दिलाने की बात कही गयी थी. उस समय रीता को पैसों की जरूरत थी, इसलिए वह जालसाजों के जाल में फंस गयी. इसके बाद उससे उसका बैंक एकाउंट मांगा गया. जानकारी मिलने के बाद उसके नाम से एक फर्जी दस्तावेज बनाया गया, जिसमें उसे बीएसएनएल कर्मचारी दिखाया गया. फर्जी सैलरी स्लिप से लेकर इससे जुड़े तमाम दस्तावेज भी नकली बना लिये गये. इन दस्तावेजों को दिखा कर ऋणदाता संस्थान से पांच लाख रुपये का ऋण लिया. हालांकि रीता ने दावा किया कि उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है.

कई मामले आने से परेशान हो रही पुलिस : पांच लाख रुपये का ऋण लेने के बावजूद रीता के खाते में बहुत कम पैसे आये. इस बीच, ऋणदाता कंपनी के खाते में उनके नाम पर ऋण राशि पांच लाख रुपये थी. किस्त समय पर नहीं चुकाने पर कोलकाता पुलिस में मामला दर्ज किया गया. शिकायत के आधार पर, पुलिस ने जांच की और रीता को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद साइबर ठगी का खुलासा हुआ. इमरान अंसारी ने भी यही बात स्वीकार की. इमरान के खाते को इसी तरह किराये पर लिया था. आरोप है कि इस तरह से तीन लाख 90 हजार रुपये निकाले गये. उस जांच के बाद, चंडीगढ़ पुलिस हाल ही में कोलकाता आयी थी. बाद में स्थानीय पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार किया गया. लालबाजार खुफिया शाखा के विशेष अधिकारी एक के बाद एक हो रहीं इन घटनाओं से काफी चिंतित हैं. पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों को इस संबंध में सावधान रहने की सलाह दी है. साथ ही, किसी को भी खाते की जानकारी नहीं देने की भी चेतावनी दी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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