संवाददाता, कोलकाता
कलकत्ता हाइकोर्ट बागबाजार स्थित मां शारदा के घर के संबंध में कोलकाता नगर निगम की रिपोर्ट से संतुष्ट है. निगम की रिपोर्ट से संतुष्ट होकर अदालत ने शुक्रवार को निर्माणाधीन हिस्से को गिराने का आदेश दिया. बागबाजार में मां के घर के पास एक दूसरा घर स्थित है, जिसका अपना अलग इतिहास है. आरोप है कि निर्माण कार्य भी काफी आगे बढ़ गया था. इसे लेकर कोर्ट में मामला दायर किया गया था. समीर दत्ता और उनके भाई अभी भी साझा घर के एक हिस्से में रहते हैं. परिवार का सवाल है कि प्रमोटर को महज चार फीट चौड़ी सड़क पर तीन मंजिला घर के लिए मंजूरी कैसे मिल गयी. 2021 में शिकायत मिलने के बाद निगम के अधिकारी जांच करने पहुंचे थे. आरोप है कि सब कुछ देखने के बाद भी निर्माण कार्य को नहीं रोका गया. इसके बाद वादी सुखचंद मित्रा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. न्यायमूर्ति सौमेन सेन ने निगम की सभी रिपोर्टों को देखने के बाद 30 दिनों के भीतर निर्माणाधीन घर को गिराने का आदेश दिया है.
इस संबंध में निगम के हेरिटेज विभाग के मेयर परिषद के सदस्य स्वपन समद्दार ने कहा कि निगम ने कानून के अनुसार काम किया है. अगर कोई गलती हुई है, तो निगम के वकील की सलाह से कार्रवाई की जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

