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हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा- कहां है दुर्गापूजा कमेटियों को दिये गये अनुदान का हिसाब

राज्य सरकार ने इस साल दुर्गापूजा कमेटियों को 1.10 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है. अब राज्य सरकार के इस फैसले को कलकत्ता हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी है.

पूजा कमेटियों को 1.10 लाख रुपये अनुदान देने के फैसले को हाइकोर्ट में दी गयी है चुनौती

संवाददाता, कोलकाता

राज्य सरकार ने इस साल दुर्गापूजा कमेटियों को 1.10 लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है. अब राज्य सरकार के इस फैसले को कलकत्ता हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी है. सोमवार को मामले की सुनवाई हुई. हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से उन दुर्गापूजा कमेटियों की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है जिन्होंने पिछले साल अदालत के आदेश के बावजूद खर्च से जुड़ा प्रमाणपत्र जमा नहीं किया था. जस्टिस सुजय पाल और जस्टिस स्मिता दास डे की पीठ ने सरकार से पूछा है कि क्या ऐसी समितियों को इस साल भी नया अनुदान दिया जा रहा है? अगली सुनवाई बुधवार को होगी, जहां राज्य को अदालत के सामने अपना पक्ष रखना होगा.

कोर्ट ने कहा है कि पूजा आयोजकों को पहले ही खर्च से जुड़ा प्रमाणपत्र दाखिल करने का आदेश दिया गया था, जिसमें यह दर्शाया गया हो कि सरकार से मिले धन का उपयोग कैसे किया गया. हाइकोर्ट ने पूछा कि कितनी समितियों ने प्रमाण पत्र दाखिल नहीं किये हैं? इसके बावजूद क्या उन्हें अभी भी धनराशि मिल रही है? इस दौरान महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि मार्च 2023 में राज्य को 500 से अधिक समितियों ने धनराशि प्राप्त होने की सूचना दी थी, जिनमें से 36 ने उपयोग प्रमाण पत्र जमा नहीं किये. गौरतलब है कि कोर्ट में कार्यकर्ता सौरव दत्ता द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही थी जिसमें उन्होंने करदाताओं के धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. उनके वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य और शमीम अहमद ने तर्क दिया कि सरकार विकास कार्यों के लिए धन का उपयोग करने की बजाय इसे पूजा समितियों में बांट रही है. हालांकि राज्य ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा है कि अनुदान जन कल्याण के लिए हैं.

उन्होंने सेफ ड्राइव सेव लाइफ जैसे अभियानों और कोविड-संबंधी प्रतिबंधों का हवाला दिया, जहां इस धन का उपयोग किया गया था.

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल राज्यभर के लगभग 40,000 पूजा आयोजकों में से प्रत्येक को 1.10 लाख रुपये का एकमुश्त अनुदान देने की घोषणा की है. इसमें कुल 450 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की संभावना है. पिछले साल सरकार ने हर समिति को 85,000 रुपये दिये थे. नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजकों के साथ मुख्यमंत्री ने पूजा आयोजकों के लिए बिजली बिलों में 80 प्रतिशत की छूट की भी घोषणा की है.

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 2018 में पूजा समितियों को 10 हजार रुपये के अनुदान और 25 प्रतिशत बिजली बिल छूट के साथ इस पहल की शुरुआत की थी इसके बाद यह राशि हर साल बढ़ती गयी और अब 2025 में यह बढ़कर 1.10 लाख रुपये तक पहुंच गयी है. जोकि वर्ष 2018 की तुलना में 11 गुना अधिक है.

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