संवाददाता, कोलकाता
महानगर में चिकनगुनिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से सरकारी और निजी अस्पतालों में बुखार और जोड़ों के दर्द की शिकायत लेकर बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं. चिकित्सक इन मरीजों को चिकनगुनिया की आशंका के तहत विशेष रक्त परीक्षण कराने की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टरों के अनुसार, तापमान में गिरावट के बावजूद मच्छर जनित बीमारियों में कमी नहीं आयी है. डेंगू और मलेरिया के बाद अब चिकनगुनिया भी लोगों को डरा रहा है. शहर के दक्षिण कोलकाता सहित कई इलाकों में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं. लक्षणों में लगातार बुखार, जोड़ों में तेज दर्द, त्वचा पर दाने और खुजली शामिल हैं.
इस संबंध में डॉ जयदीप राय ने बताया कि इन दिनों चिकनगुनिया के कई मरीज अस्पतालों में आ रहे हैं. उन्होंने कहा, “हालांकि यह डेंगू जितना घातक नहीं है, लेकिन मरीजों को अत्यधिक कमजोरी का सामना करना पड़ता है.” विशेषज्ञों का कहना है कि चिकनगुनिया और डेंगू दोनों ही एडीज एजिप्टी मच्छर से फैलते हैं, इसलिए शुरुआती चरण में दोनों के बीच अंतर कर पाना कठिन होता है. हालांकि चिकनगुनिया आमतौर पर जानलेवा नहीं होता, लेकिन यह लंबे समय तक जोड़ों में दर्द और जकड़न की समस्या पैदा कर सकता है. डॉक्टरों ने सावधानी बरतने, मच्छर से बचाव के उपाय अपनाने और मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी है.
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