कोलकाता.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार दार्जिलिंग में प्रशासनिक बैठक के दौरान कहा कि उत्तर बंगाल में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए राज्य के राहत और पुनर्वास प्रयासों की सिर्फ आलोचना करने के बजाय सभी को संकटग्रस्त लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पड़ोसी देश भूटान से भारी बारिश के बाद छोड़े जाने वाले पानी की निगरानी करने का आग्रह किया, ताकि बंगाल के निचले इलाकों में बाढ़ को रोका जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा- केंद्र को इस मामले को भूटान के समक्ष उठाना चाहिए. दार्जिलिंग हिल्स में एक प्रशासनिक बैठक को संबोधित करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार युद्धस्तर पर पुनर्निर्माण कार्य कर रही है, क्योंकि मिरिक, कलिम्पोंग के कुछ हिस्सों, जलपाईगुड़ी, अलीपुरदुआर और अन्य इलाकों में कई मकान, स्वास्थ्य केंद्र और प्रशासनिक भवन क्षतिग्रस्त हो गये हैं. सुश्री बनर्जी ने आगे कहा कि केवल (राज्य के राहत और बचाव उपायों की) आलोचना करने से लोगों की परेशानियों को कम करने में मदद नहीं मिलेगी. हमें प्रभावित लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए और मदद करनी चाहिए. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया. नुकसान का आकलन करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तरी जिलों में दार्जिलिंग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, खासकर मिरिक. रोहिणी रोड पर भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है. राज्य के लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर काम कर रहे हैं. इसकी मरम्मत में कम से कम 20-25 दिन लगेंगे. ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तर बंगाल में आयी आपदा में कुल 32 लोगों की मौत हुई है. दार्जिलिंग में सबसे अधिक 21, जलपाईगुड़ी में नौ और कूचबिहार में दो लोगों की मौत हुई है. सभी मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये दिये गये हैं. प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को होमगार्ड की विशेष नौकरी भी दी गयी है. सिर्फ दार्जिलिंग में ही नौ प्रखंडों और चार नगर पालिकाओं के लगभग 70,000 लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कुल 37 राहत शिविर बनाये गये हैं. 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 6,000 से ज़्यादा लोग अभी भी शिविरों में हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने उत्तर बंगाल में कृषि विकास के लिए 7,000 करोड़ रुपये खर्च किये हैं.बेंगलुरु में सात प्रवासी मजदूरों की मौत पर सीएम ने जतायी चिंता : ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बेंगलुरु में आग लगने की घटना में उनके राज्य के सात प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी. उन्होंने कहा, ‘अपने मूल स्थान पर लौटने वाले प्रवासियों को मजदूरों के लिए शुरू की गयी कर्मश्री सामाजिक कल्याण योजना में नामांकित किया गया है.’
उत्तर बंगाल में राहत व बचाव कार्य की निगरानी के लिए बनी विशेष कमेटीमुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में प्राकृतिक आपदाओं के बाद राहत सामग्री वितरण, पुनर्वास और आपदा के बाद के हालात से निपटने के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनायी है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को दार्जिलिंग में जीटीए, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक के दौरान इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल में प्राकृतिक आपदाओं के बाद राहत व बचाव कार्य के लिए यह नयी कमेटी बनायी गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत की नेतृत्व वाली इस कमेटी में सिंचाई, वन, बिजली, लोक निर्माण विभाग, जीटीए के अधिकारी, उत्तर बंगाल में स्थित सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इस कमेटी में जनप्रतिनिधियों में बिजली मंत्री अरूप विश्वास, श्रम मंत्री मलय घटक, उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा, सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब, विधायक निर्मल रॉय और जीटीए के चीफ एग्जीक्यूटिव अनित थापा को शामिल किया गया है. बुधवार सुबह प्रशासनिक बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने सबसे पहले दार्जिलिंग की सड़कों पर जनसंपर्क अभियान चलाया.
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