कोलकाता.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का यह समय राज्य में विकास परियोजनाओं को रोकने के लिए जान-बूझकर रखा गया है. कूचबिहार में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान बनर्जी ने कहा कि इस कवायद से जुड़े अधिकारी अत्यधिक दबाव में हैं, लेकिन उन्होंने उनसे एसआवआर के कारण विकास कार्यों की अनदेखी नहीं करने का आग्रह किया. राज्य में मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य चार नवंबर को गणना फार्मों के वितरण के साथ शुरू हुआ, जो 11 दिसंबर तक जारी रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा : मुझे पता है कि बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ), उप-मंडल अधिकारियों (एसडीओ) और बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) पर भारी दबाव हैं. लेकिन, विकास परियोजनाओं और एसआइआर पर काम, दोनों को जारी रखना होगा. उन्होंने कहा : इस एसआइआर ने जान-बूझकर राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं को रोकने के लिए समय निकाला है. इसे दो महीने में पूरा करने की इतनी जल्दी क्यों? पिछली बार तो दो साल लग गये थे. लेकिन विकास कार्य एक सतत प्रक्रिया है और इसमें कोई कोताही नहीं होनी चाहिए.मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआइआर का उद्देश्य आम लोगों के मतदान के अधिकार को छीनना और चुनावों में भाजपा की मदद करना है. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से एसआइआर कवायद में बीएलओ की सहायता करने को भी कहा.बनर्जी ने लोगों से एसआइआर के बाद निर्वाचन आयोग की सुनवाई में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि मतदाताओं की सहायता के लिए 12 दिसंबर से प्रत्येक वार्ड में ””””””””क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूं’ बूथ स्थापित किये जायेंगे. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने विमानन क्षेत्र में चल रहे संकट की तुलना एसआइआर प्रक्रिया से करते हुए आरोप लगाया कि दोनों ही खराब योजना का परिणाम हैं.
उन्होंने आरोप लगाया : पिछले सात दिनों से लोग टिकट होने के बावजूद हवाई जहाजों में सवार नहीं हो पा रहे हैं. यह एसआइआर की तरह ही गलत योजना के कारण है. बीएलओ को धमकाया जा रहा है, जबकि बीडीओ और एसडीओ काम के दबाव के कारण सो नहीं पा रहे हैं. रात 10 बजे के बाद सर्वर भी काम नहीं करते.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

