प्रतिनिधि, कल्याणी.
नदिया जिले में बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. जांच में पता चला है कि एक संगठित गिरोह पूरे पश्चिम बंगाल में एजेंटों का एक नेटवर्क चला रहा था. ये एजेंट सोशल मीडिया पर आकर्षक नौकरी के विज्ञापन पोस्ट करते थे और बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम ऐंठते थे.
नदिया जिले के धानतला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आरंगघाटा थाने ने इस गिरोह के एक एजेंट सुबीर मलिक को रंगे हाथों गिरफ्तार किया. नया गांव हिजुली का रहने वाला सुबीर पिछले कुछ दिनों से विभिन्न साइबर कैफे में फूल व्यापारी बनकर जा रहा था. उसने कैफे मालिकों से कहा कि उसका कोई बैंक खाता नहीं है, जिससे दूर-दराज के ग्राहक उसे पैसे भेजने में असमर्थ हैं. उसने कैफे मालिकों से अनुरोध किया कि वे अपने खाते में पैसे स्वीकार करें, जिसके बदले में वह उन्हें निकासी शुल्क देगा. कैफे मालिकों में से एक ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए अपना क्यूआर कोड सुबीर मलिक को दे दिया. इसके बाद सुबीर मलिक और अन्य एजेंटों ने इस क्यूआर कोड का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए करना शुरू कर दिया. विभिन्न स्थानों से अलग-अलग नामों से हजारों रुपये इस क्यूआर कोड पर आने लगे. पूर्वी अरंगघाटा के सब्दलपुर स्थित एक साइबर कैफे के मालिक को तब संदेह हुआ जब एक युवती ने उसे फोन किया और बताया कि उसे नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ हजार रुपये भेजने के लिए कहा गया था और उसने वह रकम कैफे मालिक के क्यूआर कोड पर भेज दी थी.
इसके तुरंत बाद साइबर कैफे मालिक के खाते से लगभग 65,000 रुपये गायब हो गये. कैफे मालिक को पता चला कि दक्षिण आरंगघाटा में पार्थ विश्वास नामक एक अन्य साइबर कैफे मालिक के खाते से भी 42,000 रुपये गायब हो गये थे. इसके बाद सब्दलपुर स्थित कैफे के मालिक ने सुबीर मलिक को फोन करके बुलाया. जब वह आया, तो अरंगघाटा थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर धानतला थाने भेज दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है