13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

एसआइआर के बीच सीमा पार कर जाने की कोशिश कर रहे अवैध बांग्लादेशी बढ़े

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हाल के सप्ताहों में दक्षिण बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने का प्रयास करने वाले अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और इस वृद्धि को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से जोड़ा जा रहा है.

कोलकाता.

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हाल के सप्ताहों में दक्षिण बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने का प्रयास करने वाले अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और इस वृद्धि को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से जोड़ा जा रहा है. बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार उत्तर 24 परगना और मालदा जिलों में बिना बाड़ वाले इलाकों से घर लौटने की कोशिश कर रहे बिना दस्तावेज वाले बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या में पिछले दो वर्षों की तुलना में बड़ी वृद्धि देखी गयी है. बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा : पहले ऐसी घटनाएं बमुश्किल दोहरे अंक में पहुंचती थीं. अब यह आंकड़ा हर दिन लगातार तीन अंकों में पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ रिपोर्टों में प्रतिदिन लगभग 500 की संख्या बतायी गयी है, जबकि वास्तविक संख्या थोड़ी कम है, लेकिन पर्याप्त है- 100, 150 या इससे अधिक. आप बता सकते हैं कि यह संख्या तीन अंकों में है. बांग्लादेशी प्रवासियों के लौटने की संख्या में अचानक हुई वृद्धि से बीएसएफ और राज्य पुलिस पर दबाव बढ़ गया है, जिन्हें सीमा के दोनों ओर पकड़े गये प्रत्येक व्यक्ति का बायोमेट्रिक सत्यापन, पूछताछ और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करनी होती है. अधिकारी ने कहा : जब कोई व्यक्ति अवैध रूप से सीमा पार करते हुए पकड़ा जाता है, तो हम यह नहीं मान सकते कि वह घर लौट रहे दिहाड़ी मजदूर है. हो सकता है कि वे यहां कोई अपराध करने के बाद भागने की कोशिश कर रहे हों, या फिर वे कोई कट्टरपंथी या आतंकवाद से जुड़ा तत्व हो सकते हैं, जो भागने की कोशिश कर रहा हो.

बीएसएफ के एक अन्य अधिकारी ने बताया : यदि कोई आपराधिक पहलू सामने आता है, तो उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य पुलिस को सौंप दिया जाता है. लेकिन यदि वे बिना किसी कागजात के यहां रहने वाले लोग हैं और अब वापस लौटना चाहते हैं, तो हम उचित प्रक्रिया का पालन करते हैं और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) से संपर्क करते हैं. यदि बीजीबी स्वीकार कर लेता है, तो उन्हें औपचारिक रूप से वापस भेज दिया जाता है. यदि नहीं, तो एक अलग प्रक्रिया शुरू की जाती है. अधिकारियों ने बताया कि वापस सीमा पार करने का प्रयास करने वाले लगभग सभी लोगों के पास वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज नहीं हैं. एक अधिकारी ने कहा : सिर्फ वे लोग ही अवैध रूप से घुसपैठ की कोशिश करते हैं, जिनके पास दस्तावेज नहीं होते. कई लोग तो रोजी-रोटी के लिए सालों पहले आये थे, तय समय से ज्यादा समय तक रुके रहे और अब उन्हें एसआइआर या पुलिस सत्यापन अभियान के दौरान पकड़े जाने का डर सता रहा है. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या ने चुनौतियां पैदा कर दी हैं. उन्होंने कहा : कोई भी एजेंसी हजारों लोगों को लंबे समय तक हिरासत में नहीं रख सकती. सत्यापन के बाद अगर उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, तो बीजीबी के साथ समन्वय करना और उनकी वापसी की सुविधा प्रदान करना ही एकमात्र व्यावहारिक विकल्प है. मीडिया रिपोर्टों में बांग्लादेशी प्रवासियों के लौटने के ज्यादा अनुमानों का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि स्थानीय स्तर के आकलन अक्सर अनौपचारिक आंकड़ों से लिये जाते हैं, जो बढ़ा-चढ़ा कर बताये जाते हैं. उन्होंने कहा : संख्या बहुत ज्यादा है लेकिन 500 जितनी भी नहीं. लेकिन हां, अब यह संख्या तीन अंकों में है.

बीएसएफ अधिकारी के अनुसार, यह वृद्धि कई राज्यों में एसआइआर अभ्यास के साथ ही शुरू हो गयी. उन्होंने कहा : एसआइआर और पुलिस सत्यापन अभियानों ने लंबे समय से बिना दस्तावेजों के रह रहे प्रवासियों को चिंतित कर दिया है. कई लोग जो वर्षों से यहां रह रहे हैं, अब और भी बड़ी संख्या में लौटने की कोशिश कर रहे हैं. यही कारण है कि सीमा पार करने वाले लोगों की संख्या में इतनी वृद्धि देखी जा रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel