सुकांत मजूमदार ने लगाया पक्षपात और क्रूरता का आरोप
कोलकाता. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री डॉ सुकांत मजूमदार ने राज्य पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि बीते दो दिनों की घटनाओं ने पश्चिम बंगाल पुलिस के दोहरे चरित्र को उजागर कर दिया है. शिक्षकों पर फाइबर छड़ों और आंसू गैस से हमला : डॉ मजूमदार ने आरोप लगाया कि बुधवार को कोलकाता के कसबा इलाके में जब नौकरी गंवाने वाले शिक्षक शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने उन पर बेरहमी से हमला किया. उन्होंने कहा, “शिक्षक निहत्थे थे और अपनी जायज मांग, नौकरी की बहाली, को लेकर सड़कों पर उतरे थे, लेकिन पुलिस ने उनपर फाइबर की छड़ें बरसाईं, लात-घूंसे चलाये और आंसू गैस छोड़ी. ”
मुर्शिदाबाद में उपद्रवियों के सामने शांत खड़ी रही पुलिस: इसके उलट, उन्होंने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके, सरकारी वाहनों में आग लगायी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, लेकिन पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया.
कानून के नाम पर अन्याय का सर्कस : डॉ मजूमदार ने पूछा, “जब सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, तब पुलिस संयम बरतती है, लेकिन जब शिक्षक शांतिपूर्वक विरोध करते हैं तो उन्हें आतंकवादी मान लिया जाता है. पुलिस किसके आदेश पर ये दोहरा रवैया अपना रही है? ” उन्होंने कहा कि पुलिस बल की ऐसी कार्यशैली लोकतांत्रिक अधिकारों, नागरिक स्वतंत्रता और कानून के राज के लिए सीधा खतरा है.
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि पुलिस को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करने दिया जाये, वरना जन आक्रोश और अविश्वास और गहरा होगा.
”चुनिंदा शक्ति प्रदर्शन” को बताया खतरनाक
भाजपा नेता ने इसे ””जानबूझकर किया गया, खतरनाक पक्षपात”” करार दिया. उन्होंने कहा, “शक्ति का यह चयनात्मक प्रयोग केवल कायरता नहीं बल्कि सत्ता से प्रेरित विकृत मानसिकता का परिचायक है. निर्दोषों पर उग्र और हिंसकों के सामने नम्र, यह केवल बंगाल पुलिस ही कर सकती है.
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